डीयू के ऑफ कैंपस कॉलेजों में बड़ी संख्या में फाइनल ईयर में राजधानी, शिवाजी, सत्यवती, लक्ष्मी बाई समेत कई कॉलेजों में 50 फीसदी से भी ज्यादा स्टूडेंट्स एक ही विषय में फेल हो गए हैं.
फेल हुए सैकड़ों स्टूडेंट्स ने न्याय पाने की गुहार लगाते हुए नॉर्थ कैंपस में वीसी ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया. हैरानी की बात ये है कि फेल होने की लिस्ट में ऐसे स्टूडेंट्स के नाम भी शामिल हैं , जिन्होंने पिछले सेमेस्टर में टॉप किया है.
शिवाजी कॉलेज अकेला कॉलेज है जहां स्टूडेंट्स किसी एक विषय में बड़ी तादात में फेल हुए हैं. डीयू के लक्ष्मी बाई कॉलेज में सोशियोलॉजी की परीक्षा में 120 में से 102 स्टूडेंट्स फेल हो गए. कालिंदी कॉलेज के मॉर्डन यूरोप विषय में 100 में से 85 स्टूडेंट्स फेल हैं. ऐसा ही हाल अरविंदो कॉलेज का है जहां इंटरनेशनल ट्रेड में 200 में से 150 स्टूडेंट्स फेल हुए हैं. राजधानी कॉलेज में 6वें सेमेस्टर में हिस्ट्री ऑनर्स में 42 में से 32 स्टूडेंट्स फेल तो इंग्लिश लैंग्वेज में 64 में से 33 स्टूडेंट्स फेल हुए हैं. श्यामलाल कॉलेज, श्रद्धानंद कॉलेज, दौलतराम कॉलेज में भी स्टूडेंट्स बड़ी तादाद में 6वें सेमेस्टर में फेल हुए हैं.
एक ही विषय में एक साथ इतनी बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स का फेल हो जाना वो भी तब जब ये छात्र लगातार पांच सेमेस्टर तक कॉलेज में अच्छे नम्बरों से पास हो रहे हों, कई बड़े सवाल खड़ा करता है.
दरअसल इन स्टूडेंट्स के पास रिवेल्यूएशन का मौका है लेकिन इतनी बड़ी संख्या में फेल हुए स्टूडेंट्स के रिवेल्यूएशन में डीयू को काफी समय लगेगा. तो डीयू में नए सेशन के लिए एडमिशन प्रोसेस भी शुरु हो चुका है.
वहीं इस पूरे मसले पर डीन, स्टूडेंट्स वेलफेयर जे.एम.खुराना ने स्टूडेंट्स को उचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिलाते हुए कहा है कि हम इस पर जल्द एक्शन लेंगे. फाइनल ईयर के इस गड़बड़ रिजल्ट की वजह से सैंकड़ों स्टूडेंट्स का भविष्य अधर मे लटका हुआ है.
इन छात्रों के आगे की पढ़ाई और करियर फाइनल ईयर के रिजल्ट पर निर्भर करता है. ऐसे डीयू प्रशासन की थोड़ी सी देरी भी इन स्टूडेंट्स के लिए मुश्किलें खड़ी तक सकती हैं.