2010 में भारत की राजधानी दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन हुआ था. इसी दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में दो स्टेडियम बनाए गए थे. इन्हें कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले बनाया गया था और गेम्स में इनका इस्तेमाल भी किया गया था. लेकिन आज दोनों स्टेडियम पर ताला लगा हुआ है. चार साल बीतने के बाद भी यह स्टूडेंट्स की पहुंच से बाहर हैं.
डीयू स्पोर्ट्स काउंसिल की मेंबर और डूटा की जॉइंट सेक्रेटरी अनीता घोष का कहना है कि पिछले तीन साल से यहां पर एक भी स्पोर्टिंग इवेंट नहीं हुआ है. कॉमनवेल्थ के बाद से ही स्टेडियम बेकार पड़े हैं.
आपको बता दें कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्टेडियम में कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान रग्बी के मैच हुए थे. 10 हजार वर्ग मीटर के इस मैदान में नेटबॉल, बॉक्सिंग, महिला रेसलिंग और एथलेटिक्स के लिए ट्रेनिंग एरिया भी है. स्टेडियम में 2,500 लोग बैठ सकते हैं, जबकि 7,500 अस्थाई सीटें लगाई जा सकती हैं.
कॉमनवेल्थ गेम्स के बाद यह स्टेडियम यूनिवर्सिटी को सौंप दिए गए थे. इसके बावजूद दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स इस फैसिलिटी का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं. यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स इस बात से नाराज हैं कि 50 रुपये स्पोर्ट्स फीस देने के बाद भी वे इस सुविधा से वंचित हैं.
हर साल हजारों ऐसे छात्रों का दाखिला स्पोर्ट्स कोटे के तहत होता है जो स्पोर्ट्स में करियर बनाना चाहते हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों छात्रों के लिए बने स्टेडियम में वो प्रवेश नहीं सकते हैं.