दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति दिनेश सिंह के खिलाफ यूनिवर्सिटी के ही टीचर्स मोर्चा खोलने की फिराक में हैं. उन पर ओबीसी फंड के गलत इस्तेमाल का आरोप है. आरोप है कि उन्होंने ओबीसी फंड से गलत तरीके से एफवाईयूपी के लिए लैपटॉप खरीदे, जो अब धूल फांक रहे हैं. यही नहीं एफवाईयूपी के रोलबैक के बावजूद नए छात्रों को इस कोर्स में एडमिशन के लिए मजबूर करने का आरोप भी दिनेश सिंह पर लग रहा है. उन पर अरोपों की लम्बी-चौड़ी लिस्ट तैयार है, हालांकि उन पर फंड का अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए इस्तेमाल करने का कोई आरोप नहीं है.
यूनिवर्सिटी का टीचिंग स्टॉफ लंबे समय से कुलपति के खिलाफ रहा है. खास तौर पर उनके सत्तावादी और अहंकारवादी तरीके से यूनिवर्सिटी को चलाने के रवैये से टीचर्स परेशान हैं. यूनिवर्सिटी में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने से लेकर FYUP तक दिनेश सिंह की खूब आलोचना हुई है. टीचर्स का आरोप है कि दिनेश सिंह कभी आम सहमति बनाने में विश्वास नहीं रखते, बल्कि अपनी ही चलाते हैं.
दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (डूटा) एक चुनी हुई संस्था है और डूटा अगले हफ्ते दिनेश सिंह के खिलाफ एक श्वेत पत्र लाने जा रहा है. यही नहीं नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) भी कुलपति के खिलाफ एक चार्जशीट तैयार कर रहा है. यह चार्जशीट अगले दो हफ्तों में जनता के सामने रखी जाएगी.
इस मामले में कई बार कुलपति दिनेश सिंह से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.