अब से बीएड और एमएड की पढ़ाई
दो साल की होगी. इसके अलावा चार साल का एक इंटीग्रेटेड प्रेग्राम 12वीं
क्लास के ठीक बाद शुरू किया जाएगा, ताकि इस पेशे में
कम उम्र से ही मेधावी लोगों को आकर्षित किया जा सके. राज्य के शिक्षा
मंत्रियों के सम्मेलन में स्कूल शिक्षा सचिव वृंदा सरूप ने ये बातें कहीं.
वहीं, प्राइमरी स्कूल शिक्षक बनने की चाह रखने वाले 12वीं कक्षा के बाद शिक्षण पाठ्यक्रम में दो साल का डिप्लोमा कर सकते हैं. ओपन और डिस्टेंस एजुकेशन के तहत
होने वाली एमएड की पढ़ाई खत्म कर दी गई है.
उन्होंने बताया कि योग, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, लैंगिक और विशेष जरूरतों वाले बच्चों से जुड़े विषय सभी टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल किए गए हैं.
सचिव ने बताया कि संशोधित बीएड कार्यक्रम में कम से कम 20 हफ्ते का क्लासरूम शिक्षण अनुभव लेना होगा ताकि बेहतर योग्य शिक्षक तैयार हो सकें. तीन साल का बीएड और एमएड समन्वित पाठ्यक्रम पहले की तरह जारी रहेगा.
भाषा से इनपुट