दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव का बिगुल बज गया है. इस साल चुनाव एबीवीपी बनाम एनएसयूआई होगा. लिहाज़ा एबीवीपी चारों सीटों पर एक बार फिर कब्ज़ा ज़माने की कोशिश में जुट गई हैं. एबीवीपी ने आज छात्रसंघ चुनाव के लिए अपना मैनिफेस्टो जारी किया.
9 सितम्बर को दिल्ली विश्वविद्यालय में होने वाले छात्रसंघ चुनाव के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मे सोमवार को अपना मैनीफेस्टो लॉन्च किया. इस मैनिफेस्टो के जरिये ही एबीवीपी ने डीयू के छात्रों के लिये उन सभी वादों का जिक्र किया है जिसके जरिये वो चुनावी मैदान मे उतर रहे हैं. अध्यक्ष पद के उम्मीदवार अमित तंवर के मुताबिक रूम रेंट और हॉस्टल निर्माण करना एबीवीपी उनका प्रमुख मुद्दा रहने वाला है. डीयू के अंदर वॉटर कूलर और शौचालय बनाने की भी मांग पूरे जोर शोर से उठाने वाले हैं.
एबीवीपी की उपाध्यक्ष पद की उम्मीदवार प्रियंका के मुताबिक डूसू चुनाव में एबीवीपी का एजेंडा महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा. मेडिकल हेल्थ कार्ड की शुरुआत करना, साउथ कैंपस में डूसू ऑफिस की शुरुआत करने के साथ ही कैम्पस मे छात्राओं की सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नही हो इस मुद्दे को एबीवीपी गंभीरता से उठा रहा है. अपने मैनिफेस्टो में एबीवीपी ने कहा है कि अगर वो डूसू जीत कर आते हैं तो ईस्ट और वेस्ट कैंपस बनाने की मांग जोर पकड़ेगी.
कुछ प्रमुख मांगे:
1. रूम रेंट एक्ट को लागू कराना
2. कॉम्पैक्ट कैंपस की मांग।
3. सभी कॉलेज के मेडिकल रूम एक्टिव हो
4. कॉलजों में आई फील सेफ एप्प के लिए स्पेशल सेशन करेंगे
5. सभी कॉलेज के बाहर पुलिस वैन के लिए प्रयास करेंगे.
6. हर एक कॉलेज में एक गर्ल हॉस्टल हो.
7. साउथ कैंपस में भी डूसू ऑफिस हो.
8. सप्प्लिमेंट्री एग्जाम्स फिर से शुरू करने के लिए हम जोर डालेंगे.
9. ईस्ट कैंपस और वेस्ट कैंपस की भी स्थापन की जाये.
10. माइग्रेशन का ऑप्शन बंद हो गया था उसे शुरू किया जाए.
11. मेट्रो में रियायती पास की मांग दोहराते हैं.
12. U-स्पेशल बसों की मांग खास कर दिल्ली देहात से और आउटर देल्ही से भी डायरेक्ट बस सुविधा होनी चाहिए.
13. बस फेयर को भी डिस्टेंस वाइज बदलने की जरुरत है.
14. साउथ कैंपस में मेट्रो फीडर बस चलाई जाए.
एबीवीपी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक साकेत बहुगुणा के मुताबिक डूसू चुनाव में भी राष्ट्रवाद अहम मुद्दा रहेगा. नेशन फर्स्ट यानि की राष्ट्र प्रथम की संकल्पना को छात्रों के बीच ले जाना एबीवीपी का मकसद है.
सीवाईएसएस के चुनावी दंगल से बाहर होने के बाद डूसू में फिर से एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच आर या पार का मुकाबला होगा. ऐसे में दावों और वादों के बीच राष्ट्रवाद का मुद्दा भी डूसू में दिखाई देगा.