बाल श्रम के खिलाफ लड़ाई में शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि शिक्षा हर बच्चे का ‘‘जन्म सिद्ध’’ अधिकार होना चाहिए और शिक्षा से वंचित रखना पूरी तरह से अस्वीकार्य है.
कंफेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में सत्यार्थी ने यहां तक कहा कि एक बच्चे को शिक्षा से दूर रखना ‘‘उस पर हिंसा करने से कम नहीं’’ है.
सत्यार्थी को सम्मानित करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘हमें यह बात स्वीकार करना चाहिए कि एक बच्चे को शिक्षा से वंचित रखना भी हिंसा है जैसे, बाल गंगाधर तिलक ने स्वराज को अपना जन्म सिद्ध अधिकार बताया, शिक्षा को भी जन्म सिद्ध अधिकार माना जाना चाहिए.’