देश में हजारों स्टूडेंट्स के बीटेक करने के बाद भी नौकरी नहीं मिलने के कारण अब इंजीनियरिंग करना स्टूडेंट्स की ख्वाहिश नहीं रह गई है.
स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन लेने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं . वहीं, तीन वर्ष के अंदर इंजीनियरिंग कॉलेजों ने 1.3 लाख सीटें भी कम कर दी है. संसद में एक सवाल के जवाब में बताया गया कि देश में 71 इंजीनियरिंग कॉलेज बंद होने के कारण 23,000 सीटें कम हो गई.
सीटों की कटौती ज्यादातर आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में हुई है. यहां कुल 80,000 सीटें कम कर दी गई हैं.