राज्य कर्मचारी बीमा निगम (ईएसआईसी) 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा अपने इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च कर चुका है, इसके बावजूद निगम ने देशभर के मेडिकल, डेंटल, नर्सिंग टीचिंग इंस्टीट्यूट्स को बंद करने का फैसला कर लिया है.
ईएसआईसी के 400 से ज्यादा इंस्टीट्यूट बंद करने के इस फैसले से फैकल्टी और स्टूडेंट्स काफी परेशान हैं. इस पूरे मामले में श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने बताया है कि ईएसआईसी ने अपने बीमित लोगों को प्राथमिक, माध्यमिक एवं सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा सेवाएं देने पर ध्यान केन्द्रित करने का फैसला लिया है जबकि उसने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र से निकलने का फैसला किया है. श्रम मंत्री ने कहा कि वह उसके मूल कामकाज में नहीं आता.
इस फैसले को लेकर दिल्ली समेत कई जगह के मेडिकल स्टूडेंट्स धरना भी दे चुके हैं और एडमिशन जारी रखने की मांग कर रहे हैं. मंत्री ने बताया है कि ईएसआईसी ने सभी मेडिकल कॉलेज और मेडिकल एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स को राज्य सरकार को देने का फैसला किया है.