छत्तीसगढ़ में प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता के मूल्यांकन के लिए मुख्यमंत्री रमन सिंह की घोषणा के अनुरूप शिक्षा गुणवत्ता अभियान शुरू हो गया है. यह अभियान पूर्व राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के नाम पर संचालित किया जा रहा है.
अधिकारियों ने बताया कि अभियान के तहत राज्य के लगभग 48 हजार स्कूलों के मूल्यांकन के लिए गांवों में विशेष ग्राम सभाओं का और शहरों में विशेष वार्ड सभाओं का आयोजन अलग-अलग तारीखों में किया जा रहा है. इनमें 33 हजार 715 प्राथमिक और 13 हजार 961 उच्च प्राथमिक (मिडिल) स्कूल शामिल हैं.
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि ग्राम सभाओं और वार्ड सभाओं में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और शासकीय अधिकारियों की ओर से आम जनता के बीच स्कूलों के काम-काज तथा बच्चों की पढ़ाई आदि से संबंधित विषयों पर चर्चा की जा रही है. मूल्यांकन के लिए बीस बिन्दुओं पर आधारित विशेष पत्रक तैयार किया गया है, जिसमें प्रत्येक स्कूल के अध्यापन कार्य सहित पढ़ाई से जुड़ी अन्य जानकारी एकत्रित कर स्कूलों की ग्रेडिंग हो रही है. यह ग्रेडिंग ए, बी, सी और डी श्रेणियों में दी जा रही है. राज्य सरकार ने वर्ष में दो बार आम जनता की भागीदारी से ग्राम सभाओं और वार्ड सभाओं में स्कूलों के मूल्याकन का निर्णय लिया है.
इनपुट: भाषा