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Exclusive: स्मृति ईरानी बोलीं- 'शिक्षा की दुनिया में धर्म के आधार पर नहीं होगा भेदभाव'

दिल्ली यूनिवर्सिटी के खालसा कॉलेज में लगा छात्रों, शिक्षकों और आम लोगों का जमावड़ा. मंच 'आज तक' का और उस पर मुश्किल सवालों का जवाब देने के लिए मौजूद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी.

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Smriti Irani
Smriti Irani

दिल्ली यूनिवर्सिटी के खालसा कॉलेज में लगा छात्रों, शिक्षकों और आम लोगों का जमावड़ा. मंच 'आज तक' का और उस पर मुश्किल सवालों का जवाब देने के लिए मौजूद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी.

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शिक्षा जगत से जुड़े सवालों की बौछार भी हुई और सियासी मुद्दों पर भी जिरह भी. केंद्रीय मंत्री ने भरोसा जताया कि शिक्षा के क्षेत्र में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा. जब अमेठी दौरे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर ही तंज कस दिया. उन्होंने कहा कि वहां जाने के लिए दस जनपथ की इजाजत नहीं चाहिए और न ही वीजा चाहिए.

'आज तक' से एक्सक्लूसिव बातचीत में स्मृति ने तमाम मुद्दों पर अपनी राय रखी. डीयू के एक छात्र के सवाल के बाद उन्होंने शो खत्म होने के बाद छात्र को अपने साथ वाइस चांसलर के पास चलने का प्रस्ताव तक दे डाला.

'यूनिवर्सिटीज में ठप्प नहीं पड़ा है काम'
देश की 19 यूनिवर्सिटीज में वाइस चांसलर की नियुक्ति न होने के सवाल पर स्मृति ईरानी ने कहा कि कोई भी संस्थान बिना नेतृत्व के नहीं है. वीसी की नियुक्ति जल्दबाजी में नहीं की जा सकती है, क्योंकि यह फैसला आगामी पांच साल तक संस्थान का भविष्य निर्धारित करता है. उन्होंने इन यूनिवर्सिटीज में काम-काज पर असर पड़ने के आरोप का खंडन किया. उन्होंने कहा कि जब वीसी की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही होती है तो एक वरिष्ठ अधिकारी को कार्यकारी रूप से अधिकृत किया जाता है.

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स्मृति ईरानी ने अपने मंत्रालय की उपलब्धियां भी गिनाईं. उन्होंने कहा कि कक्षा आठ के बाद पढ़ाई छोड़ने वालों के लिए बाद में शिक्षा के क्षेत्र में लौटने का विकल्प दिया गया है और इसके लिए नई व्यवस्था शुरू की गई है. साथ ही पहली बार कक्षा 1 से लेकर 12 तक एनसीईआरटी की किताबें ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही हैं. बहुत जल्द पढ़ाई के निर्देश भी ऑनलाइन उपलब्ध कराएंगे.

मैंने छात्रों का धर्म नहीं पूछा: स्मृति
केंद्रीय मंत्री के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से एक सवाल आया. सवाल था कि सच्चर कमेटी के मुताबिक, मुसलमानों की शैक्षिक हालत दलितों से भी खराब है. इस पर स्मृति ईरानी ने कहा, 'हमने कोशिश की है कि शिक्षा के क्षेत्र में धर्म के आधार पर भेदभाव न हो. छात्रों से कहना चाहती हूं, मैंने पहले भी कहा था कि मेरे मंत्रालय में सबसे बड़े स्टेकहोल्डर छात्र हैं. छात्रों का कभी धर्म नहीं पूछा. सभी छात्रों का अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा देने के वादे पर कायम हूं.'

एक नेत्रहीन छात्र ने हिंदू कॉलेज में नेत्रहीन लोगों को होस्टल मिलने में आने वाली दिक्कतों का मुद्दा उठाया. इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह संवैधानिक दायरे में हस्तक्षेप करेंगी और व्यक्तिगत तौर पर अगली सुबह सुबह कॉलेज जाएंगी.

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