देश के विकास में मातृभाषा एवं अन्य भारतीय भाषाओं के महत्व एवं स्कूली शिक्षा में इनके उपयोग को बढावा देने के तहत केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 21 फरवरी को 'मातृभाषा दिवस'मनाने का प्रस्ताव दिया है.
बोर्ड ने मातृभाषा के उपयोग को प्रोत्साहित करने के साथ ही राष्ट्र के विकास में अन्य भारतीय भाषाओं के महत्व को रेखांकित करने पर जोर दिया है. अंग्रेजी माध्यम के छात्रों के बीच संवाद में मातृभाषा और अन्य भारतीय भाषाओं का उपयोग करने के साथ ही भारतीय भाषाओं में नॉलेज को प्रोत्साहित करने पर जोर देने के लिए कहा गया है. भारतीय भाषाओं में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाने एवं बच्चों को एक अतिरिक्त भारतीय भाषा सीखने को प्रोत्साहित करने पर भी जोर दिया गया है.
सीबीएसई के अधिकारी ने बताया कि स्कूल में मातृभाषा दिवस पर स्टूडेंट्स के बीच भारतीय भाषाओं या मातृभाषा में गतिविधि या कार्य करने को बढ़ावा दे सकते हैं.
इन गतिविधियों में विभिन्न भारतीय भाषाओं में संगीत प्रतियोगिता, वाद विवाद एवं रचनात्मक लेखन प्रतियोगिता, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता शामिल है. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इस बारे में सभी संबंधित स्कूलों को एक परिपत्र जारी किया है. बोर्ड का मानना है कि इस आयोजन से बच्चों में मातृभाषा के साथ अन्य भारतीय भाषाओं के प्रति रूझान बढ़ाने में मदद मिलेगी.
दरअसल, यूनेस्को ने 21 फरवरी को इंटरनेशनल मदर लैग्वेज डे के रूप में मनाने की घोषणा की है.इस दिन सीबीएसई के स्कूलों में विशुद्ध भाषा बोलने की प्रतियोगिता, अनुवाद के साथ पोस्टर एवं चार्ट प्रतिस्पर्धा एवं अलग अलग भाषाओं में गेम आयोजित करने को कहा गया है.
बोर्ड ने स्कूली बच्चों को आपस में किसी भी भारतीय भाषा में कुछ शब्द और उसके अर्थ सीखने के लिए भी प्रोत्साहित किया है. स्कूलों को मातृभाषा दिवस मनाने की विस्तृत रिपोर्ट अपने क्षेत्रीय केंद्रों को दो मार्च तक भेजने को कहा गया है.
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