आसमान को छुने वाले पहले शख्स 'कॉस्मोनॉट यूरी गैगरिन' ने 1968 में 27 मार्च को दुनिया को अलविदा कह दिया था. 12 अप्रैल 1961 को 27 साल के इस पायलट ने अंतरिक्ष में कदम रख कर इतिहास रच दिया . वह पहले शख्स थे जिन्होने दूसरे अंतरिक्ष यात्रियों को प्रेरणा दी. ये भी कहा जाता है कि रूसी-सोवियत पायलट गागरिन ने ही अंतरिक्ष में मानव उड़ान के युग की शुरुआत की. इसलिए हर साल 12 अप्रैल को 'इंटनेशनल डे ऑफ ह्यूमन स्पेस फ्लाइट' मनाया जाता है.
आइए जानते है उनके बारे में
1. 12 अप्रैल 1961 को रूसी-सोवियत पायलट यूरी गागरिन को अंतरिक्ष पहुंचाने वाला यान 'वोस्ताक-1' रवाना हुआ. जाने से पहले उन्होंने कहा "पोयेख़ाली" जिसका अर्थ होता है "अब हम चले".
2. ये दुनिया के लिए ऐसा समय था जब किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि एक आम आदमी आसमान के पार जा सकता है.
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3. यूरी ने पृथ्वी की कक्षा में 108 मिनट तक चक्कर लगाया. उन्होंने 203 मील की उंचाई पर 27000 किलोमीटर प्रतिघंटे की तेज गति का सामना किया.
4. 16 साल की उम्र में उन्होंने फाउंड्रीमैन के रूप में ट्रेनिंग की. बाद में उन्होंने ट्रैक्टर के बारे में पढ़ाई की. 1955 में सारातोव शहर में उन्होंने कास्टिंग टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा लिया. साथ ही, वहां के फ्लाइंग क्लब में भर्ती हो कर विमान चलाना भी सीखने लगे.
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5. मजेदार बात ये है कि यूरी गैगरिन को उनकी कम ऊंचाई के वजब से ही इस अभियान के लिए चुना गया था. उनकी ऊंचाई मात्र 5 फुट 2 इंच थी.
6. यूरी के बारे में एक बात मशहूर है, जब वह 6 साल के थे तब दूसरे विश्व युद्ध के दौरान उनके घर पर एक नाजी अधिकारी ने कब्जा कर लिया था. इसलिए उनका परिवार दो साल तक 10X10 की झोपड़ी में रहा.
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7. मिग-15 ट्रैनिंग जेट हादसे का शिकार हो गया, जिसमें आसमान पर राज करने वाले इस सितारे की मौत हो गई.