केरल में आई भारी बाढ़ ने प्रदेश में भारी तबाही मचाई है. इस तबाही से केरल को उबारने के लिए पूरा भारत हरसंभव मदद कर रहा है. वहीं इस मुश्किल घड़ी में ऐसे लोग भी हैं जो अपनी पहचान छिपाकर काम कर रहे हैं. इस आईएस अधिकारी का नाम कन्नन गोपीनाथन बताया जा रहा है. जो 8 दिनों से तक अपनी पहचान छिपाकर राहत कैंपों में बाढ़ पीड़ितों की मदद करते रहे हैं जब तक उन्हें किसी वरिष्ठ अधिकारी ने पहचान नहीं लिया.
दरअसल कन्नन गोपीनाथन केरल प्रधानमंत्री राहक कोष में 1 करोड़ का चेक जमा करन के लिए दौरे पर आए थे, जिसके बाद वह बाढ़ पीड़ितों की मदद करने में लग गए. बता दें, 2012 बैच के एजीएमयूटी कैडर के ऑफिसर कन्नन केरल के कोट्टयम के रहने वाले हैं और इस वक्त दादरा ऐंड नगर हवेली के कलेक्टर हैं.This is the finished product. The back home kits. Yesterday I was made to do a lot of loading/unloading of these kits. 🤪
These kits are then be distributed through Village Offices to the affected people to kick start their lives. #RebuildKerala #KeralaFloods pic.twitter.com/F8cz7mbROE
— Kannan (@naukarshah) August 29, 2018
जब उन्हें मालूम चला कि केरल में भारी तबाही आई है उनसे रहा नहीं गया और मदद करने के लिए केरल पहुंच गए. बताया जा रहा केरल की लोगों की मदद करने के लिए उन्होंने निजी कारण बताकर काम से छुट्टी ले ली थी. जिसके बाद लोगों की मदद के लिए 26 अगस्त को वो अपने गृह राज्य कोट्टयम आ गए.
With some of the dedicated volunteers/Govt staff who were diligently working so that the relief materials reach the needy at the earliest. #NumerousHeroes #RebuildKerala #KeralaFloods pic.twitter.com/xv5ziV288E
— Kannan (@naukarshah) August 29, 2018
इस दौरान उन्होंने दादरा एवं नागर हवेली प्रशासन की ओर से 1 करोड़ रुपये का चेक केरल मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराया और फिर राहत कैंप में पीड़ितों की मदद में लग गए. 8 दिनों तक इस आईएस अधिकारी ने पहचान छिपाए काम किया. बताया जा रहा है उनकी पहचान एर्नाकुलम में सामने आई जब केबीपीएस प्रेस सेंटर एर्नाकुलम के कलेक्टर दौरा करने पहुंचे तो उन्होंने कन्नन को पहचान लिया. जैसे ही लोगों को इस बारे में सच मालूम चला को सभी ने उनकी खूब प्रशंसा की. सोशल मीडिया पर लोग उन्हें हीरो कह रहे हैं.