फुटबॉल को हमेशा से ही पुरुषों के वर्चस्व वाला खेल माना जाता है. खेल के मैदानों से लेकर उसके मैनेजमेंट तक में पुरुष ही हावी रहते हैं. हालांकि महिलाएं बड़ी तेजी से पुरुषों के एकाधिकार को तोड़ रही हैं. चाहे खेल के मैदान का मामला हो या फिर दफ्तरों का. महिलाएं बड़ी तेजी से अपनी जगह बना रही हैं. इसी क्रम में नथाली ब्वॉय दे ला टूर का नाम भी उभर कर आता है.
नथाली अभी सिर्फ 48 वर्षों की हैं और यह दुनिया और फ्रांस के इतिहास में ऐसा बिरला मौका है. वह फ्रांस के प्रोफेशनल फुटबॉल लीग की अध्यक्ष चुनी गई हैं. उन्होंने फ्रेडरिक थियरीज के 14 वर्षों तक कार्यभार संभालने के बाद यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाली है. इससे पहले वह फ्रांस की फुटबॉल काउंसिल में प्रबंधन परिषद् की सदस्य भी रही हैं. उन्हें इस बदलते परिवेश पर पूरा विश्वास है. उनका मानना है कि चीजें बेहतरी के लिए बदल रही हैं.
आश्चर्य और आंसू एक साथ...
गौरतलब है कि नथाली इस पद के लिए सीधी दावेदार नहीं थीं मगर अंतिम पलों में उन्हें इस पद के लिए चुना गया. इस फैसले के बाद वह भावुक हो गईं और आगे सबकी उम्मीदो और आकांक्षाओं पर खरी होने की बात कहती हैं.
इसके अलावा हम आपको बताते चलें कि यह पद मानद है और इसमें सच्ची ताकत एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डिडीयर क्विलोट में निहित है.
लीग को हैं ढेरों उम्मीदें...
फ्रांस फुटबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष नोएल ले ग्राएट ने इस फैसले का स्वागत किया है. वे कहते हैं कि वे स्वाभाविक रूप से उग्र पुरुषों के बीच स्थिरता और गंभीरता लाएंगी. वह माहौल को धीरे-धीरे बदल सकने की क्षमता रखती हैं.
ऐसे समय में जब अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में हिलेरी क्लिंटन कड़े मुकाबले के बीच डोनाल्ड ट्रंप से हार गई हों. ठीक उसी समय में एक महिला का तमाम परेशानियों से जूझते हुए पुरुषों के वर्चस्व वाले खेल में लीग का अध्यक्ष चुना जाना सुखद अहसास तो देता ही है.