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गांव से पढ़ाई कर पूरा किया सीएस, सीए बनने का सपना

जहां चाह होती है वहां राह होती. जरूरी नहीं कि आप शहर के किसी टॉप स्कूल में पढ़कर ही सफल हों. अगर आपमें हुनर है तो आप गांव के छोटे से स्कूल से पढ़कर भी सफलता हासिल कर सकते हैं. कुछ ऐसा ही कर मिसाल कायम की है शुभम डाड ने.

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Shubham Dad
Shubham Dad

जहां चाह होती है वहां राह होती. जरूरी नहीं कि आप शहर के किसी टॉप स्कूल में पढ़कर ही सफल हों. अगर आपमें हुनर है तो आप गांव के छोटे से स्कूल से पढ़कर भी सफलता हासिल कर सकते हैं. कुछ ऐसा ही कर मिसाल कायम की है शुभम डाड ने.. शुभम ने अपनी पढ़ाई गांव के स्कूल से की और सीएस एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम 2014 में शुभम डाड ऑल इंडिया टॉपर रहे. शुभम का कहना है कि 12वीं में स्टेट बोर्ड एग्जाम्स में चौथी रैंक आने के बाद से मैंने सीए और सीएस की तैयारी शुरू कर दी थी.

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पेश है इंडिया टुडे के साथ उनसे बातचीत के कुछ अंश:

इस एग्जाम में एपियर होने के लिए आपको कितनी बार कोशिश करनी पड़ी?
मैने पहली बार में सीएस एग्जाम को क्लियर कर लिया था. मैं ऑल इंडिया 33 रैंक से सीए एग्जाम मई 2014 भी कंप्लीट कर चुका हूं.

आर्टिकलशिप किस तरह एक स्टूडेंट की मदद करती है?
मैंने सीए और सीएस दोनों में प्रैक्टिस की है. स्टूडेंट्स की दिमाग थ्योरी की वजह से काफी सीमित रहता है, जिससे आर्टिकलशिप प्रैक्टिकली खोलती है. मैं सभी स्टूडेंट्स से कहना चाहता हूं कि किसी अनुभवी प्रोफेशनल के यहां आर्टिकलशिप जरूर करें.


सीएस का भविष्य में क्या स्कोप है?

कंपनीज एक्ट 2013 की मानें तो जिन कंपनीज की पेड अप कैपिटल 5 करोड़ से ज्यादा हैं उनके लिए सीएस की नियुक्ति करना जरूरी है. इस तरह बढ़ती अर्थव्यवस्था के चलते इस प्रोफेशन में नए-नए अवसर मिलेंगे.

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इस करियर ऑप्शन को चुनने के लिए किस चीज ने आपको सबसे ज्यादा प्रेरित किया?
मेरी रूचि लॉ औऱ फाईनांस सेक्टर में सबसे ज्यादा थी और यही वजह थी कि मैं इस प्रोफेशन में आना चाहता था.


क्या आपने इसके लिए कोई कोचिंग ली थी या खुद पढ़ाई की?

मैंने सीएस एग्जीक्यूटिव के लिए कोई कोचिंग नहीं ली थी. आईसीएसआई की तरफ से मुझे जो स्टडी मैटेरियल मिला था मैंने उससे ही पढ़ाई की थी. मैं यह भी साबित करना चाहता था कि जो स्टूडेंट हिंदी बैकग्राउंड के होते हैं कुछ भी हासिल कर सकते हैं.

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