भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के प्रमुख के पद पर अभिनेता अनुपम खेर को नियुक्त किए जाने के बाद ही विवाद खड़ा हो गया है. खेर को चेयरमैन नियुक्ति करने के फैसले पर सवाल उठाते हुए संस्थान के छात्र संघ ने आरोप लगाया कि यह हितों के टकराव का मामला है, क्योंकि खेर मुंबई में अपना खुद का अभिनय प्रशिक्षण संस्थान चलाते हैं.
एफटीआईआई छात्र संघ (एफएसए) ने साथ ही देश में असहिष्णुता को लेकर बहस के दौरान खेर की ओर से दिए गए बयानों और 'सरकार के कुछ विचारों का प्रचार करने' की उनकी कोशिशों पर भी आपत्ति जताई है. वहीं सोशल मीडिया पर भी यूजर्स अनुपम खेर का विरोध कर रहे हैं. हालांकि उसने साफ किया कि जहां तक खेर की योग्यता और साख की बात है, उन्हें कोई दिक्कत नहीं है.
एफएसए के अध्यक्ष रॉबिन जॉय ने कहा कि जहां तक खेर की योग्यता और साख की बात है, कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन वो मुंबई में अपना खुद का अभिनय प्रशिक्षण संस्थान -एक्टर प्रीपेयर्स- चलाते हैं और अब उन्हें एक सरकारी संस्थान का नेतृत्व करने का जिम्मा सौंपा गया है जिससे यकीनन हितों का टकराव होता है. उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि एक निजी उपक्रम का नेतृत्व करने वाले व्यक्ति को कैसे किसी सरकारी संस्थान का नेतृत्व करने के लिए कहा जा सकता है.'
यह पूछे जाने पर कि क्या वे खेर की नियुक्ति का उसी तरह से विरोध करेंगे, जिस तरह से उनके पूर्ववर्तियों ने 2015 में गजेंद्र चौहान की नियुक्ति को लेकर किया था, जॉय ने कहा कि वह इस समय कुछ नहीं कह सकते, आगे की कार्रवाई पर फैसला एफएसए की आम सभा की बैठक में किया जाएगा.