बीजेपी के सदस्य गजेंद्र चौहान पुणे के फिल्म्स एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट (एफटीआईआई) के अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद से अब तक अपने कार्यालय नहीं गए हैं और उनकी नियुक्ति को लेकर भी अलग तिथि सामने आई है.
इसका खुलासा सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी से हुआ. इस संबंध में आवेदन आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने दायर किया था.
गलगली ने एफटीआईआई से पिछले 15 वर्षो में उनके अध्यक्षों, उनकी उपस्थिति, शिक्षा और कार्यकाल के बारे में जानकारी मांगी थी.
हालांकि चौहान को एफटीआईआई के अध्यक्ष पद पर इस साल नौ जून को नियुक्त किया गया, लेकिन आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, चौहान को चार मार्च, 2014 को नियुक्त किया गया था. बहरहाल, उनकी नियुक्ति को लेकर जो भी तारीख सही हो, वह अभी तक एक दिन भी कार्यालय नहीं गए हैं.
गलगली के प्रश्न के जवाब में एफटीआईआई के प्रशासनिक अधिकारी एस. के. डिकेट ने कहा कि 1999 से अब तक नौ अध्यक्षों की नियुक्ति हुई है.
लेखक समीक्षक यू. आर. अनंतमूर्ति अपने कार्यकाल में 26 बार कार्यालय गए. फिल्म निर्माता सईद मिर्जा ने तीन वर्षो तक अध्यक्ष पद संभाला और इस अवधि में वह 20 बार अपने कार्यालय गए. अभिनेता, निर्देशक गिरीश कर्नाड बतौर अध्यक्ष अपने एक साल के कार्यकाल में छह बार कार्यालय गए.
बीजेपी के सांसद व अभिनेता विनोद खन्ना दो वर्षो के लिए दो बार अध्यक्ष नियुक्त किए गए, लेकिन वे केवल दो बार ही कार्यालय गए. तीन महीने के सबसे कम कार्यकाल में पवन चोपड़ा ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिन 16 दिसम्बर 2002 को ही कार्यालय के दर्शन किए.
गौरतलब है कि एफटीआईआई के अध्यक्ष पद पर गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के विरोध में इस प्रतिष्ठित संस्थान के छात्र पिछले करीब चार माह से भी ज्यादा समय से हड़ताल पर हैं. सूचना और प्रसारण मंत्रालय से उनकी चार मुलाकातों का भी कोई परिणाम नहीं निकला. छात्रों की मंगलवार को नई दिल्ली में सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ से मामले को लेकर मुलाकात होनी है.
इनपुट: IANS