scorecardresearch
 

जिस शख्सियत ने पत्रकारिता को मिशन बनाने का काम किया...

भारतीय पत्रकारिता के पुरोधा गणेश शंकर विद्यार्थी साल 1890 में आज ही के दिन पैदा हुए थे. उन्हें पत्रकारिता को मिशन के तौर पर स्थापित करने का श्रेय जाता है...

Advertisement
X
Ganesh Shankar Vidyarthi
Ganesh Shankar Vidyarthi

Advertisement

हमारे दौर की पत्रकारिता भले ही आज मूल्यविहीन और स्खलित लग रही हो लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था. एक दौर ऐसा भी था जब पत्रकारिता एक मिशन हुआ करता था. लोग अपनी जिंदगी की परवाह किए बगैर खबरों को प्रकाशित किया करते थे. जालिम सत्ता की हमेशा ही नाफरमानी किया करते थे. एक ऐसे ही शख्स थे गणेश शंकर विद्यार्थी. पत्रकारिता का यह पुरोधा साल 1890 में आज ही के रोज जन्मा था.

1. महज 16 साल की उम्र में 'हमारी आत्मोसर्गता' नाम की एक किताब लिखी.

2. उन्होंने कानपुर के करेंसी ऑफिस में नौकरी की लेकिन अंग्रेज अधिकारियों से अनबन की स्थिति में वहां से इस्तीफा दे दिया.

3. उन्हें प्रताप अखबार की शुरुआत करने का श्रेय जाता है. इस अखबार में उन्होंने भगत सिंह, राम प्रसाद बिस्मिल जैसे कई क्रांतिकारियों के लेख छापे.

Advertisement

4. अंग्रेजों के खिलाफ लगातार समाचार पत्रों में लिखने की वजह से उन्हें कई माह जेल में काटने पड़े.

5. 25 मार्च 1931 में हिंदू-मुस्लिम दंगे के दौरान उन्होंने असहायों की मदद करते हुए अपने प्राणों की आहूति दे दी. वे साम्प्रदायिकता की भेंट चढ़ गए.

 

Advertisement
Advertisement