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अच्छी पहल: पीरियड्स से जुड़े हर सवाल का जवाब अब स्कूल में मिलेगा

दिल्‍ली के सरकारी स्‍कूलों में बढ़ती बच्‍च‍ियों में पीरियड्स को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है.

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पीरियड्स से संबंध‍ित हर सवाल का जवाब मिलेगा अब बच्‍च‍ियों को स्‍कूल में
पीरियड्स से संबंध‍ित हर सवाल का जवाब मिलेगा अब बच्‍च‍ियों को स्‍कूल में

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पीरियड्स को लेकर समाज में कई भ्रांतियां है. खासतौर से उन पांच दिनों में क्‍या करें, क्‍या न करें आदि जैसे सवाल दशकों से चले आ रहे हैं. लिहाजा दिल्‍ली के सरकारी स्‍कूलों और एक समाज सेवी संस्‍था ने साथ मिलकर पीरियड्स से संबंध‍ित जागरुकता फैलाने के लिए एक अभियान शुरू किया है.

अभियान के तहत सरकारी स्‍कूलों में पढ़ने वाली किशोरियों को मासिक धर्म से जुड़े  हर सवाल का जवाब समाज सेवी संस्‍था 'सच्‍ची सहेली' के विशेज्ञ द्वारा दिया जाएगा. इसमें गाइनेकोलोजिस्‍ट और मनोचिकित्‍सक शामिल होंगे.

यह अभियान दिल्‍ली के 70 सकूलों में चलाया जा रहा है.

अभियान में शामिल गाइनेकोलोजिस्‍ट डॉ. सुरभी सिंह ने बताया कि आमतौर पर बच्‍च‍ियों को पीरियड्स से संबंधित जानकारी उनकी मां देती है, पर ऐसा देखा गया है कि उनमें इसे लेकर कई अंधविश्‍वास, भ्रांतियां और डर है. वो इसे कलंक के तौर पर देखती हैं.

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डॉ. सुरभी ने कहा कि युवा बच्‍च‍ियों को इस बारे में शिक्षित करना बेहद जरूरी है कि मासिक धर्म कोई बीमारी नहीं है और इसकी वजह से आपको शर्मिंदगी महसूस नहीं करनी चाहिए.

कैंप के दौरान विशेष कई सवालों के जवाब देंगे, जो इससे हमेशा जुड़े रहते हैं, जैसे कि पीरियड्स में दर्द की दवाएं खानी चाहिए या नहीं, अचार छूना चाहिए या नहीं आदि. यही नहीं बच्‍च‍ियों को सैनिटरी पैड इस्‍तेमाल करने और उसे dispose करने से संबंधित जानकारियां भी दी जाएंगी.

बता दें कि 'सच्‍ची सहेली' संस्‍था दिल्‍ली की बस्‍त‍ियों में मासिक धर्म को लेकर जागरुकता फैलाती रही है.

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