केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दयाल सिंह कॉलेज के नाम बदलने के फैसले पर रोक लगा दी है. साथ ही जावड़ेकर ने कहा है कि कॉलेज का नाम बदलने का फैसला सरकार का नहीं है. जावड़ेकर ने शिरोमणि अकाली दल की ओर से मुद्दा उठाने पर इस बात का जवाब दे दिया. अकाली दल ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी.
नरेश गुजराल ने कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दयाल सिंह कॉलेज की प्रबंधन समिति ने इस सांध्यकालीन कालेज का नाम बदल कर वंदे मातरम महाविद्यालय रखने का फैसला किया है. उन्होंने कहा मैं मानता हूं कि वंदे मातरम कहने से हर भारतीय के मन में देशभक्ति की भावना बलवती हो जाती है. सरकार को पूरे देश में वंदे मातरम विविद्यालयों की स्थापना करना चाहिए. लेकिन किसी संस्थान के नाम को नहीं बदलना चाहिए.
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कॉलेज का नाम बदलने का फैसला केंद्र सरकार का फैसला नहीं था. उन्होंने कहा यह सरकार का फैसला नहीं है और न ही यह सरकार को पसंद है, इसलिए हमने फैसले पर फिलहाल रोक लगाने और शीघ्र ही एक बैठक बुलाने को कहा है. यह हमें पसंद नहीं है और इस तरह से नहीं होगा. जावड़ेकर ने यह भी बताया कि दयाल सिंह कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध है और विश्वविद्यालय को इस बारे में बता दिया गया है.
गौरतलब है कि दिल्ली के दयाल सिंह इवनिंग कॉलेज की गवर्निंग बॉडी (जीबी) ने कॉलेज का नाम बदलने का फैसला लिया था. कॉलेज को नया नाम वंदे मारतम् महाविद्यालय दिया जाएगा. साल 1958 से ही दयाल सिंह मॉर्निंग और दयाल सिंह इवनिंग कॉलेज का अपना अस्तित्व रहा है.