केंद्र सरकार शिक्षा पर दी जा रही ब्याज सब्सिडी को आधा करने की तैयारी में है. ऐसा किए जाने के पीछे वजह यह है कि जितना बजट ब्याज सब्सिडी के लिए दिया गया था उससे ज्यादा के दावे सरकार के पास आ गए हैं. इसलिए सरकार ब्याज सब्सिडी में कटौती करने की तैयारी कर रही है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा है. हालांकि इस मसले पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है.
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मंत्रालय ने पेशेवर शिक्षा के लिए 2009 में ब्याज सब्सिडी योजना शुरू की थी. जो अप्रैल 2009-10 से लागू हुई. इसके तहत साढ़े चार लाख सालाना आय वाले अभिभावकों के बच्चों को शिक्षा पर लगने वाले ब्याज की भरपाई मंत्रालय द्वारा की जाती है. इस सुविधा का लाभ करीब 25 लाख स्टूडेंट्स ले रहे हैं. पिछले चार सालों में करीब 60 हजार करोड़ रुपये ऋण इस योजना के तहत दिए गए हैं.
मंत्रालय की तरफ से दिए गए प्रस्ताव के अनुसार ब्याज पर सब्सिडी को 50 फीसदी रखा जाएगा. यानी जो ब्याज बनेगा आधा छात्रों को खुद ही उठाना पड़ेगा और आधा सरकार भरेगी. इससे बीटेक कोर्स के लिए छह लाख का ऋण लेने वाले परिवार को हर साल करीब 50 हजार रुपये की चपत लगेगी.