स्वास्थ्य मंत्रालय ने 10 ऐसी क्षेत्रीय लैबोरेटरी तैयार करने की योजना बनाई है, जो खतरनाक बीमारी वायरल हैपेटाइटिस के रोकथाम की दिशा में रिसर्च करेगी और देश में इसकी स्थिति पर नजर रखेगी.
'द इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के मुताबिक 'वर्ल्ड हैपेटाइटिस डे' के मौके पर आयोजित इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर डिजीज एंड बिलियरी साइंसेज (ILBS) के सम्मेलन में इसका ऐलान किया गया.
आपको बता दें, हैपेटाइटिस के पांच वायरस होते हैं, A, B, C, D और E, जिसमें से वायरस B और C को खतरनाक माना जाता है. हैपेटाइटिस B और C से लीवर सिरोसिस का खतरा बढ़ जाता है.
ILBS के डायरेक्टर डॉ. शिव सरीन ने बताया कि दुनिया भर में एचआईवी-एड्स की तुलना में हैपेटाइटिस से ज्यादा मौतें होती हैं. हैपेटाइटिस B से दुनिया भर में हर साल 15 लाख लोगों की मौत हो जाती है, जबकि एचआईवी-एड्स से मरने वालों का आंकड़ा 12 लाख है.
हैपेटाइटिस की बीमारी में चीन के बाद सबसे खराब स्थिति भारत की ही है. अपने देश में लगभग 40 लाख लोग इस बीमारी से जुझ रहे हैं. सरीन ने बताया भारत में हर साल हैपेटाइटिस B से 6 लाख लोगों की मौत होती है.