सरकार देश में टीचर्स ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स की क्वॉलिटी को लेकर काफी परेशान है. इसके लिए सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि अगर ये इंस्टीट्यूट्स मानकों का पालन नहीं करते तो उनकी मान्यता वापस ली जा सकती है.
मौजूदा कानून के तहत किसी इंस्टीट्यूट्स को मान्यता दिए जाने के बाद उसे वापस नहीं ली जा सकती.
आलोचकों ने दलील दी है कि इंस्टीट्यूट्स ऐसे खामियों का लाभ उठा रहे हैं और स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. नियमन निकाय भी ऐसे मामले में असहाय होती है और शिकायतें मिलने पर इंस्टीट्यूट्सको सिर्फ कारण बताओ नोटिस जारी कर सकती है.
इस खामी को दूर करने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) अधिनियम-1993 में संशोधन करने का प्रस्ताव किया है ताकि एनसीटीई को इंस्टीट्यूट्स की मान्यता वापस लेने की ताकत दी जा सके.