भारत सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों की हिंदी भाषा सुधारने के लिए ट्रेनिंग देने का फैसला किया है.
हिंदी भाषा की ट्रेनिंग उन्हीं कर्मचारियों को दी जाएगी, जिन्होंने 10वीं की परीक्षा में हिंदी को एक विषय के रूप में चुना था.लेकिन केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि हिंदी में काम नहीं करनेवाले कर्मचारियों खासकर के दक्षिण भारतीय लोगों पर यह फैसला लादा नहीं जाएगा.
हिंदी सिखाने के लिए इस कोर्स का नाम 'पारंगत' रखा गया है. इसके लिए सेंट्रल हिंदी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट ऑफिस के घंटों में ही क्लास चलाएगी. कर्मचारियों के लिए पहली ट्रेनिंग प्रोग्राम 160 घंटों की होगी और 20 दिनों तक चलेगी. वहीं, इसके बाद पांच महीनों तक अल्टरनेट डे में एक घंटें की क्लासेस चलेंगी.
यह कोर्स 80 फीसदी प्रैक्टिस पर आधारित होगा और केवल 20 फीसदी ही थ्योरी पढ़ाई जाएगी. इस कोर्स का मुख्य फोकस एडमिनिस्ट्रेशन, फाइनांस, बैंकिंग, साइंस एंड टेक्नोलॉजी के कंटेंट पर होगा. कोर्स के खत्म होने पर एक टेस्ट परीक्षा भी आयोजित कराई जाएगी.