इंसान अपने रुतबे, पैसे और शोहरत से ज्यादा इंसानियत के जज्बे से दिलों में जगह बनाता है. कर्नाटक के फल बेचने वाले हरेकाला हजब्बा (Harekala Hajabba) भी ऐसा ही नाम हैं, जिन्हें भारत सरकार की ओर से 2019 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया है. जानिए कौन हैं हरेकाला हजब्बा और क्यों उन्हें दिया जा रहा है ये पुरस्कार.
हरेकाला हजब्बा मूलत: कर्नाटक के रहने वाले हैं. वो अपने इलाके में संतरा बेचने का काम करते हैं. इस साल 2019 में उन्हें पद्मश्री सम्मान दिया गया है. ट्विटर पर IFS अधिकारी प्रवीण कसवान ने सोशल मीडिया पर उनके बारे में लिखा, जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनके चाहने वालों की कतार लग गई. लोगों ने उन्हें खुले दिल से बधाइयां दी हैं.
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हरेकाला हजब्बा कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़ा के गांव न्यू पाड़ापू में रहते हैं. उनकी वर्तमान में आयु 68 साल है. बचपन से मुफलिसी के साए में रहे हरेकाला को हमेशा स्कूल न जा पाने का गम सताता रहा. इसी गम ने उन्हें कुछ अलग करने की प्रेरणा दी.
देखें, IFS का ट्वीट:
Harekala Hajabba was in a line on a ration shop when authorities informed him that he got #Padma Shri. This fruit seller from Dakshin Kannada is educating poor children in his village of Newpadapu from a decade in a mosque. Doing all the efforts including spending his savings. pic.twitter.com/rufL3RZ15o
— Parveen Kaswan, IFS (@ParveenKaswan) January 26, 2020
हरेकाला हजब्बा ने तय किया कि क्या हुआ अगर मैं स्कूल नहीं जा पाया. उन्होंने अपनी कमाई स्कूल बनाने में लगा दी. हरेकाला ने मीडिया से कहा कि एक बार एक विदेशी ने मुझसे अंग्रेजी में फल का दाम पूछा, मुझे अंग्रेजी नहीं आती थी इसलिए मैं उसे रेट नहीं बता सका. उस वक्त पहली बार मैंने खुद को असहाय महसूस किया.
वो कहते हैं कि इसी के बाद मैंने तय किया कि मैं अपने गांव में स्कूल खोलूंगा ताकि यहां के बच्चों को इस स्थिति का सामना न करना पड़े. हजब्बा ने इसके लिए अपनी जमापूंजी लगा दी.
हरेकला हजब्बा के गांव नयापड़ापु में स्कूल नहीं था. उन्होंने पैसे बचाकर सबसे पहले स्कूल खोला. जैसे-जैसे छात्रों की संख्या बढ़ती गई, उन्होंने कर्ज भी लिया और बचत का इस्तेमाल कर स्कूल के लिए जमीन खरीदी. हर दिन 150 रुपये कमाने वाले इस व्यक्ति के जज्बे ने ऐसा जादू किया कि मस्जिद में चलने वाला स्कूल आज प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज के तौर पर अपग्रेड होने की तैयारी कर रहा है.