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3125 बच्चों के खिलाफ शिक्षा बोर्ड ने जारी किया एफआईआर का फरमान

हरियाणा स्‍कूल शिक्षा बोर्ड वर्ष 2014 में 10वीं पास करने वाले 3125 स्‍टूडेंट्स को नौवीं क्‍लास में दाखिला लेने का फैसला सुनाने के बाद अब 3125 स्कूली बच्चों पर गाज गिरा सकता है.

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हरियाणा स्‍कूल शिक्षा बोर्ड वर्ष 2014 में 10वीं पास करने वाले 3125 स्‍टूडेंट्स को नौवीं क्‍लास में दाखिला लेने का फैसला सुनाने के बाद अब 3125 स्कूली बच्चों पर गाज गिरा सकता है. दरअसल हरियाणा स्‍कूल शिक्षा बोर्ड ने इन सभी बच्चों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं.

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बोर्ड का दावा है कि एग्‍जाम रिजल्‍ट रद्द किए गए सभी बच्चों ने नौवीं में दाखिले के समय फर्जी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (SLC) जमा कराए थे. शिक्षा बोर्ड ने निजी स्कूलों के प्रिंसिपल को निर्देश दिया है कि फर्जी एसएलसी या टीसी के जरिए दाखिला लेने वाले बच्चों पर एफआईआर करवाकर 15 दिन में इसकी सूचना शिक्षा बोर्ड को दी जाए. बोर्ड के सचिव की ओर से जारी सर्कुलर से जहां बच्चों के अभिभावक चिंतित हैं, वहीं निजी स्कूल प्रबंधक भी परेशान है.

शिक्षा बोर्ड के इस पत्र पर स्कूल प्रबंधन कानूनी राय ले रहे हैं. इस पूरे घटनाक्रम का चिंताजनक पहलू यह भी है कि परीक्षा परिणाम रद्द किए गए सभी बच्चे 2013-14 में दाखिला लेने के बाद अब तक 11वीं कक्षा के स्‍टूडेंट बन चुके हैं. यानी उनकी एसएलसी आदि पर फैसला बोर्ड द्वारा तीन साल बाद लिया गया है.

हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने 3125 बच्चों के बारे में स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी फरमान का कड़ा विरोध करते हुए साफ कह दिया है कि स्कूल अपने बच्चों के खिलाफ एफ.आई.आर नहीं दर्ज कराएंगे. बोर्ड के सर्कुलर के बारे में स्कूल प्रबंधकों ने कानूनविदों से राय लेनी शुरू कर दी है ताकि बोर्ड को जवाब भी दिया जा सके.

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