राजधानी में नर्सरी एडमिशन मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने एकल पीठ के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया. इस फैसले में राजधानी के गैर सरकारी सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में उपराज्यपाल द्वारा नर्सरी कक्षा में दाखिले के लिए निर्धारित अंक व्यवस्था को निरस्त कर दिया गया था.
मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति आर.एस. एंडलॉ की पीठ ने एकल न्यायाधीश के आदेश पर अंतरिम रोक के लिए दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग का आवेदन खारिज कर दिया. पीठ ने कहा कि वह मुख्य अपील पर गुण-दोष के आधार पर 15 जनवरी 2015 को अगली तारीख पर सुनवाई करेगी.
पीठ ने कहा, ‘आवेदन खारिज किया जाता है.’ अदालत ने यह आदेश दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय (डीओई) की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता पीपी मल्होत्रा द्वारा पेश अर्जी पर दिया. उन्होंने दावा किया था कि ‘नर्सरी में तकरीबन तीन साल के बच्चों के दाखिले के मामले में कोई भेदभाव या स्वायत्तता का कोई सवाल नहीं हो सकता.’
एकल न्यायाधीश ने एक समिति और निजी स्कूलों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक मंच की दो याचिकाओं का निस्तारण करते हुए 28 नवंबर को आदेश दिया था. इन याचिकाओं में उपराज्यपाल के 18 दिसंबर 2013 और 27 दिसंबर 2013 की अधिसूचना को चुनौती दी गई थी जिसके जरिए अंक व्यवस्था लागू की गई थी.