'लक्ष्य तय करने के लिए सपने देखें, अगर आप सपने ही नहीं देखेंगे तो जीवन में आपका कोई लक्ष्य ही नहीं होगा और बिना लक्ष्य के सफलता नहीं पाई जा सकती.' यह मानना है देश के बड़े उद्योगपति शिव नादर का. टेक्नोलॉजी क्षेत्र के दिग्गज और देश के बड़े उद्योगपति शिव नादर का जन्म 14 जुलाई 1945 को हुआ था.
नादर ने अपना करियर पुणे में वॉलचंद ग्रुप कूपर इंजीनियरिंग के साथ शुरू किया. इसके बाद 1967 में उन्होंने सात साथियों के साथ मिलकर माइक्रोकॉप कंपनी बनाई और उसे बाद में टेलीडिजिटल कैलकुलेटर को बेच दिया. 1976 में उन्होंने HCL की स्थापना की.
हाथ नहीं, पैरों से पेंटिंग बनाकर बनाई पहचान
ऐसे शरू किया HCL
1976 में दिल्ली क्लोथ मिल्स यानी DCM में लंच टाइम में वहां काम करने वाले 6 यंगस्टर्स मिलकर एक प्लान बना रहे थे. ये प्लान था नौकरी छोड़कर अपनी कंपनी शुरू करने का. इन यंगस्टर्स में 30 साल के इंजीनियर, जो तमिलनाडु से आए थे यानी शिव नाडार भी शामिल थे. इन सभी ने बाद में हिंदुस्तान कंप्यूटर्स लिमिटेड यानी HCL शुरू किया.
हाथ नहीं, पैरों से पेंटिंग बनाकर बनाई पहचान
कहां से मिला फंड
बाकी स्टार्टअप्स की तरह ही इस काम के लिए फंड जुटाने की थी. तब तक शिव नादर माइक्रोकॉम्प के नाम से अपनी एक कंपनी बना चुके थे. शिव ने ये कंपनी बेची और इससे जो पैसा मिला उससे HCL शुरू करने में इन्वेस्ट किया. सभी फाउंडर्स ने मिलकर 20 लाख रुपए जुटाए और कंपनी शुरू कर दी.
15 साल की उम्र, लेकिन जीत चुका है 15 अवॉर्ड
शिव नादर ने एक इंटरव्यू में बताया था, 'पहला व्यक्ति जिससे मैं मिला था वहा था अर्जुन. वो भी मेरी ही तरह मैनेजमेंट ट्रेनी था. हम अच्छे दोस्त बने और आज तक हैं. इसके बाद हम दोनों ने डीसीएम में काम कर रहे अपने तरह के लोगों को जोड़ा और मिलकर काम शुरू कर दिया.