ब्लू व्हेल चैलेंज गेम देश के अन्य हिस्सों की तरह मध्यप्रदेश में भी किशोरों के लिए नई समस्या लेकर आया है. बच्चों के बीच इस गेम की बुराइयां बताने के लिए सरकारी विद्यालयों के हेडमास्टर का सहारा लिया जाएगा.
तमाम विद्यालयों के हेडमास्टर बच्चों को इस गेम की बुराइयां बताएंगे. आधिकारिक तौर पर 25 सितंबर, 2017 को जारी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को ब्लू व्हेल चैलेंज गेम से दूर रखने के लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को पत्र लिखकर बच्चों को लगातार हिदायतें देने की सलाह दी है.
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पत्र में कहा गया है कि ब्लू व्हेल चैलेंज गेम अपराधी किस्म के लोगों द्वारा फैलाया हुआ एक जंजाल है. इसमें बच्चे उलझकर रह जाते हैं और इससे बाहर निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है. कुछ प्रकरणों में बच्चों ने इस खेल में उलझकर आत्म-हत्या करने का प्रयास भी किया है.
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बता दें कि प्रदेश में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय में मोबाइल का उपयोग रेडिएशन प्रभाव और बाल मन पर विपरीत प्रभाव को देखते हुए प्रतिबंधित है. शिक्षकों से कहा गया है कि बच्चों को समझाने के नैतिक दायित्व का तत्परता से निर्वहन करें. साथ ही, यदि बच्चों के मोबाइल में इस गेम के लिंक होने की जानकारी मिले, तो उसे तत्काल हटवाएं.