दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) को दिल्ली सरकार और नगर निगमों के स्कूलों में विशेष शिक्षकों की भर्ती में हो रही देरी का कारण बताने का निर्देश जारी किया है. कोर्ट ने कहा है कि विशेष जरूरत वाले बच्चों की विशेष शैक्षिक जरूरतों की अनदेखी नहीं की जा सकती है क्योंकि इसमें एक दिन की भी देरी का उन्हें बुरी तरह प्रभावित करेगी.
एजेंसी के मुताबिक, कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने कहा कि यह मसला बड़ी चिंता का विषय है. विशेष जरूरत वाले बच्चों की विशेष शिक्षा की अनदेखी नहीं की जा सकती. एक दिन की देरी बड़ा नुकसान होगा और यह गंभीर रूप से बच्चों को प्रभावित करेगा. दिल्ली सरकार ने अदालत को सूचित किया था कि बार बार आग्रह करने के बावजूद 432 विशेष शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है.
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पीठ ने डीएसएसएसबी को दिल्ली सरकार की तरफ से किए गए आग्रह के विस्तृत ब्यौरे के साथ हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है. इसके अलावा भर्ती की प्रक्रिया और विशेष शिक्षकों की भर्ती में हुई देरी के कारण से संबंधित जानकारी भी हफलनामे में देने का निर्देश दिया है. पीठ ने मामले में तथ्यों से पूरी तरह अवगत डीएसएसएसबी के अधिकारी को 30 नवंबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है.
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बता दें कि दिल्ली की आप सरकार ने फरवरी में होईकोर्ट को बताया था कि सरकारी स्कूलों में विशेष शिक्षकों के कुल 927 पद हैं जिनमें से 432 अभी भी खाली हैं.