दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि प्राइवेट स्कूल नर्सरी एडमिशन में दिल्ली सरकार की गाइडलाइंस के साथ अपने तय किये हुए क्राइटीरिया को भी शामिल कर सकते हैं. गौरतलब है कि दिल्ली सरकार के नोटिफिकेशन के बाद डीडीए की जमीन पर बने स्कूल एडमिशन के लिए अपना क्राईटेरिया तय करने से वंचित हो गए थे.
नर्सरी एडमिशन: अब 31 जनवरी तक भर सकेंगे फॉर्म
हालांकि नर्सरी एडमिशन पर हाईकोर्ट से अभी फैसला आना बाकी है लेकिन 31 जनवरी तक एडमिशन फॉर्म जमा करने की प्रक्रिया मे देरी से बचने के लिए हाईकोर्ट ने कोर्ट आये प्राइवेट स्कूलों को एडमिशन के लिए तय किये गए अपने नियमों के आधार पर फॉर्म मांगने की इजाजत दे दी है. ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि 19 जनवरी को होनी वाली अगली सुनवाई के बाद जब कोर्ट का फैसला आये तो उससे स्कूलों को फॉर्म्स की स्क्रूटनी करने मे समय ना लगे.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिले से भी मुश्किल है दिल्ली के नर्सरी स्कूलों में दाखिला?
कोर्ट से आने वाले फैसले के आधार पर तय होगा की इस बार नर्सरी एडमिशन स्कूलो के अपने क्राइटेरिया के आधार पर होंगे या फिर दिल्ली सरकार के नोटिफिकेशन के आधार पर. प्राइवेट स्कूलों का तर्क है कि सरकार का नेबरहुड को लेकर नोटिफिकेशन पेरेंट्स और बच्चों से उनके मनपसंद स्कूल में एडमिशन लेने का मौलिक हक उनसे छीनता है. जबकि दिल्ली सरकार का तर्क है कि उसका नोटिफ़िकेशन पेरेंट्स के हक में है और उनके हितों के लिए ही मैनेजमेंट कोटे को खत्म किया गया है.
इस मामले मे एक जज ने मामले की सुनवाई से ये कहकर इनकार कर दिया कि उनका बेटा भी इन्हीं प्राइवेट स्कूलों मे से एक मे पढाई कर रहा है. लिहाजा सुनवाई के लिए मामला किसी दूसरी बेंच को दे दिया जाए. अब इस मामले की सुनवाई जस्टिस मनमोहन कर रहे हैं. ऐसे मे 19 जनवरी को होने वाली सुनवाई काफी अहम होगी क्योंकि उससे ही तय होगा कि इस बार के नर्सरी एडमिशन किस आधार पर होंगे.