उच्चशिक्षण संस्थानों की रैंकिंग के लिए अपनी व्यवस्था शुरू करने की तैयारी देश ने पूरी हो गई है. इस नई रैंकिंग व्यवस्था में परिणामों पर जोर दिया जाएगा. साथ ही, रैंकिंग को नेशनल असेस्मेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल की पहले से चली रही एक्रीडिटेशन की प्रक्रिया के साथ मिलाया नहीं जाएगा.
एचआरडी अधिकारियों, आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी के निदेशकों और सीआईआई फिक्की के प्रतिनिधियों ने मिलकर यह रैंकिंग सिस्टम तैयार किया है.
इस सिस्टम के तहत किसी भी इंस्टीट्यूशन की रैंकिंग छह चरणों के आधार पर तय की जाएगी जिनमें एकेडमिक पर्फॉर्मेंस, शिक्षण, लर्निंग रिसोर्सेज, ग्रेजुएशन के परिणामों, वैश्विक एमओयू और संस्थान द्वारा किया गया इनोवेशन शामिल होगा.
साइंस, इंजीनयरिंग, लिबरल आर्ट्स, सोशल साइंस, मेडिसिन, लॉ और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के संस्थानों की रैंकिंग अलग-अलग की जाएगी. सीआईआई द्वारा रैंकिंग का कार्य करने का प्रस्ताव रखा गया है.