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73 साल पहले हुआ था हिरोशिमा पर परमाणु हमला, ऐसे मची थी तबाही

अमेरिका ने साल 1945 में हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराकर तबाही का वो मंजर दिखाया था जब एक ही क्षण में शमशान में बदल गया था पूरा शहर.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

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द्वितिय विश्वयुद्ध के दौरान जापान के हिरोशिमा शहर पर 6 अगस्त 1945 को सवा आठ बजे अमेरिका ने परमाणु बम गिराया. इस बम का नाम लिटल ब्वॉय था. इस हमले में करीब 80 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे. शहर के 30 फीसदी लोगों की मौत तत्काल हो गई थी. वहीं, परमाणु विकिरण के कारण हजारों लोग सालों बाद भी अपना जान गंवाते रहे थे. इस हमले के बाद 9 अगस्‍त को नागासाकी शहर पर दूसरा परमाणु बम  'फैट मैन'  फेंका था. जानिए हिरोशिमा परमाणु हमले से सबंधित कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट्स :

जानते हैं उस खौफनाक दिन से जुड़ी कुछ बातें

- लिटल बॉय का वजन 9700 पाउंड (4400 किलोग्राम),लंबाई 10 फुट औक व्यास 28 इंच था.

- इस बम के कारण जमीनी स्तर पर लगभग 4,000 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी पैदा हुई थी.

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- बम हिरोशिमा के तय जगह पर नहीं गिराया जा सका था, यह हिरोशिमा के आइयो ब्रिज के पास गिरने वाला था मगर उल्टी दिशा में बह रहे हवा के कारण यह अपने लक्ष्य से हटकर शीमा सर्जिकल क्लिनिक पर गिरा.

रेगिस्तान में किया गया था पहले परमाणु बम का सफल परीक्षण

- इस हमले के बाद 2 लाख लोगों पर आज भी रेडिएशन का असर बाकी है और उनसे काफी भेदभाव किया जाता है.

- बता दें कि यूएस एयरफोर्स के जवानों ने हमले से पहले लोगों को चेतावनी देने के लिए पर्चा गिराया था.

- परमाणु हमले में कुछ पुलिसवालों ने अपनी जान एटॉमिक चमक दिखने के बाद खास तरीके से छुपकर बचाई थी. इस प्रक्रिया को 'डक एंड कवर' कहा जाता है. इन पुलिसवालों ने नागासाकी जाकर बचाव के इस तरीके की जानकारी दी. जिससे नागासाकी परमाणु हमले में काफी लोगों ने अपनी जान बचाई.

- हमले के बाद पीड़ित कैसे ठीक होते क्योंकि परमाणु बम के कारण शहर के 90 फीसदी डॉक्टर मारे गए थे. इस कारण घायल होने वालों का इलाज जल्द से जल्द संभव नहीं हो पाया.

- धमाके से 3900 डिग्री सेल्सियस तापमान गर्मी और 1005 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली आंधी पैदा हुई. इस बम में 6.4 किलोग्राम प्‍लूटोनियम था.

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- हिरोशिमा के बाद 9 अगस्त को नागासाकी पर बम फेंका गया. नागासाकी शहर के पहाड़ों से घिरे होने के कारण केवल 6.7 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में ही तबाही फैल पाई.लगभग 74 हज़ार लोग इस हमले में मारे गए थे और इतनी ही संख्या में लोग घायल हुए थे.

- मीडिया रिपोर्ट के उसी रात अमरीकी राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने घोषणा की, "जापानियों को अब पता चल चुका होगा कि परमाणु बम क्या कर सकता है. उन्होंने कहा, 'अगर जापान ने अभी भी आत्मसमर्पण नहीं किया तो उसके अन्य युद्ध प्रतिष्ठानों पर हमला किया जाएगा और दुर्भाग्य से इसमें हज़ारों नागरिक मारे जाएंगे.

- अगर जापान 14 अगस्‍त को सरेंडर नहीं करता तो अमेरिका ने 19 अगस्‍त को एक और शहर पर परमाणु बम गिराने की योजना बनाई थी.

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