देश के हर हिस्से में कोरोना संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है. इसे लेकर सरकारें अब हरकत में आ गई है. स्कूलों को लेकर बेहद सतर्कता बरती जा रही है. अब यूपी में एक दिन में 992 संक्रमित मिलने पर सीएम योगी ने स्कूलों को लेकर दिशा-निर्देश दिए हैं. सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति तक 10वीं क्लास तक के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में अवकाश के निर्देश दिए हैं. साथ ही इस अवधि में बच्चों के वैक्सीनेशन पर जोर देने के लिए कहा है. बता दें कि इससे पहले कोरोना के चलते पंजाब और तेलंगाना में भी स्कूल-कॉलेज बंद किए गए हैं.
बीते 3 जनवरी से टीनेजर्स (15-18 साल) को कोविड की वैक्सीन लगाने की शुरुआत की गई है. इसी अभियान को मजबूती देते हुए और कोरोना से बचाव के लिए सीएम योगी ने मंगलवार को उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए कि 10वीं क्लास तक के बच्चों के सभी गवर्नमेंट और प्राइवेट स्कूलों की मकर संक्रांति तक छुट्टी की जाए, लेकिन इन दौरान बच्चों का वैक्सीनेशन किया जाए. स्कूल बंद होने की वजह से वैक्सीनेशन में बाधा नहीं आनी चाहिए. यूपी में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 992 नए मामले सामने आए हैं.
50 फीसदी क्षमता से खुलेंगे जिम, स्पा, सिनेमाहॉल
प्रदेश के ऐसे जिले जहां एक्टिव केस 1000 से ज्यादा हों, वहां जिम, स्पा, सिनेमाहॉल, बैंक्वेट हॉल, रेस्टोरेंट और पब्लिक प्लेसेस को 50 फीसदी क्षमता के साथ खोला जाए. शादी समारोह और अन्य आयोजनों में बंद स्थानों में एक समय में 100 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकेंगे. खुली जगहों पर ग्राउंड की क्षमता के 50 फीसदी से अधिक लोग एकत्र नहीं हो सकेंगे. साथ ही नाइट कर्फ्यू रात 10 से सुबह 06 बजे तक लागू रहेगा. यह व्यवस्था 06 जनवरी से प्रभावी कर दी जाए.
कोविड हेल्प डेस्क शुरू की जाए
प्रदेश के सभी शासकीय, अर्धशासकीय, निजी, ट्रस्ट आदि संस्थाओं, कंपनियों, ऐतिहासिक स्मारक, कार्यालयों, धार्मिक स्थलों, होटल-रेस्टोरेंट्स, औद्योगिक इकाइयों में कोविड हेल्प डेस्क को शुरू किया जाए. जरूरत के अनुसार डे केयर सेंटर भी स्थापित हों. स्क्रीनिंग/सैनेटाइजेशन के बिना किसी को परिसर में प्रवेश न दें.
माघ मेले में आने वालों के लिए RT-PCR जरूरी
सीएम योगी ने कहा कि आस्था के प्रतीक प्रयागराज माघ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 48 घंटे पहले RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता लागू की जाए. वहीं कि निगरानी समिति और इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर को पूरी तरह सक्रिय किया जाए. गांवों में प्रधान के नेतृत्व में और शहरी वार्डो में पार्षदों के नेतृत्व में निगरानी समितियां क्रियाशील रहें. घर-घर संपर्क कर बिना टीकाकरण वाले लोगों को चिन्हित किया जाए.जरूरत के मुताबिक लोगों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाए.