मानव संसाधन मंत्रालय जल्द ही राइट टू ऐजुकेशन यानी RTE के तहत कक्षा 1 से 8 तक के लिए लर्निंग आउटकम को शामिल करेगा. मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि अगले तीन माह के भीतर इसे लागू कर दिया जाएगा. एक बार लागू होने के बाद यह फैसला स्कूल एजुकेशन बोर्ड्स द्वारा लिए जा रहे परीक्षा सिस्टम में बदलाव ला सकता है.
गौरतलब है कि पिछले साल प्रथम NGO ने एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट यानी ASER नामक रिपोर्ट में कहा था ग्रामीण क्षेत्रों में कक्षा 5 में ऐसे छात्र हैं जो ठीक से पढ़ भी नहीं सकते हैं. इसके बाद ही लर्निंग आउटकम को RTE में शामिल करने की मांग उठी थी. एक बार यह नियम लागू हो जाने के बाद शिक्षकों की यह जवाबदेही होगी कि वे बच्चों को जो पढ़ा रहे हैं उसे बच्चों ने कितना सीखा है.
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प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'हम कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को क्या सीख लेना चाहिए, इससे जुड़ी एक गाइडलाइन जारी करेंगे और उसी के आधार पर लर्निंग आउटकम का निर्धारण किया जाएगा. इन गाइडलांइस की मदद से शिक्षक यह जान पाएंगे कि वे बच्चों को जो पढ़ा रहे हैं और उन्हें जो सीख लेना चाहिए उसमें कितना अंतर शेष है.'
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बता दें कि एक बार इसका खाका तैयार हो जाने के बाद यह नियम सभी राज्यों के एजुकेशन सिस्टम में लागू हो जाएगा.