शिक्षा मंत्रालय ने ब्लैक लिस्ट में डाली गई 44 में से 34 यूनिवर्सिटीज को हरी झंडी देने से मना कर दिया है. यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने इन यूनिवर्सिटी को हंरी झंडी देने के लिए शिक्षा मंत्रालय से सिफारिश की थी.
शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी के नेतृत्व वाली एचआरडी मिनिस्ट्री ने यूजीसी की सिफारिश को खारिज करते हुए कहा कि उनकी रिपोर्ट में कुछ भी स्पष्ट नहीं है. सुप्रीम कोर्ट में पेश किए हलफनामें में मिनस्ट्री ने कहा कि 2009 में यूजीसी के विशेषज्ञों ने बिना किसी मापदंड के मुताबिक जांच-परख किए ही अपनी रिपोर्ट जमा की थी. इस तरह की रिपोर्ट के आधार पर मिनिस्ट्री कैसे कोई निर्णय कर सकती है.
दरअसल, 2009 में पूर्व एचआरडी मिनिस्टर कपिल सिब्बल ने टंडन कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी ने 44 यूनिवर्सिटीज को यह कहते हुए ब्लैक लिस्ट कर दिया था कि ये यूनिवर्सिटीज गुणवत्ता के आधार पर पूरी तरह से फीट नहीं हैं. इनमें से कई यूनिवर्सिटीज ने इस रिपोर्ट को कोर्ट में भी चुनौती दी थी.
टंडन कमेटी रिपोर्ट के बाद यूजीसी ने भी अपनी रिपोर्ट पेश की थी. जिसमें कहा गया था कि 44 में से सिर्फ 7 यूनिवर्सिटीज को ही ब्लैक लिस्ट किया जाना चाहिए.
एचआरडी मिनिस्ट्री ने इस पूरे प्रकरण को साफ करते हुए कहा है कि ब्लैक लिस्ट हुए यूनिवर्सिटीज के बारे में कोई भी रिव्यू अब नहीं होगा और यूजीसी की रिपोर्ट पर ध्यान नहीं दिया जाएगा.