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HTET पेपर लीक: अधिकारी भी सवालों के घेरे में

एचटैट के प्रश्नपत्र लीक मामले में यह बात सामने आई है कि ट्रेजरी से बिना सुरक्षा के ही प्रश्नपत्र परीक्षा केंद्र के लिए भेज दिया गया. इस लापरवाही के चलते सोनीपत का प्रशासनिक अमला भी सवालों के घेरे में आ गया है.

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जींद एचटैट के प्रश्नपत्र लीक में सोनीपत का प्रशासनिक अमला भी सवालों के घेरे में आ गया है. सोनीपत प्रशासन की चूक यह रही कि ट्रेजरी से बिना सुरक्षा के ही प्रश्नपत्र परीक्षा केंद्र के लिए भेज दिया गया.

सोनीपत के इंडियन मार्डन स्कूल में एचटैट के दो परीक्षा केंद्र थे. इनमें से एक परीक्षा केंद्र पर राजेंद्र रंधावा नामक व्‍यक्ति केंद्र अधीक्षक था. अब तक पुलिस जांच में यही सामने आया था कि इसी केंद्र से प्रश्नपत्र लीक हुआ है. इसके चलते पुलिस ने 20 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया था. पांच दिन के पुलिस रिमांड के बाद रंधावा को शनिवार को जींद अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

पुलिस अधीक्षक अभिषेक जोरवाल के अनुसार, ट्रेजरी से प्रश्नपत्र ले जाने के लिए एक डीसी कार्यालय का प्रतिनिधि, एक शिक्षा बोर्ड का प्रतिनिधि व दो पुलिसकर्मी होने चाहिए थे. इसमें डीसी ऑफिस का पवित्र गुलिया, शिक्षा बोर्ड के प्रतिनिधि सुरेंद्र कुमार थे. नियमानुसार इस गाड़ी के साथी दो पुलिसकर्मी भी जाने थे, लेकिन पवित्र गुलिया और सुरेंद्र कुमार ने प्रश्नपत्र पैकेट से निकाला है, क्योंकि केंद्र अधीक्षक राजेंद्र रंधावा ने पुलिस को बताया है कि उसके पास प्रश्नपत्र का खुला पैकेट ही आया है. जोरवाल के अनुसार राजेंद्र रंधावा पुलिस के समक्ष काफी पहले ही आत्मसमर्पण करना चाहता था, लेकिन पत्रित गुलिया और सोनीपत जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के कानून सलाहकार राजीव दहिया ने उसे ऐसा करने से रोक दिया. यहां तक कि एक दिन पहले गुलिया और दहिया ने रंधावा का फोन भी तोड़ दिया. उन्होंने बताया कि अब तक पुलिस पूता के तार राजेंद्र रंधावा तक ही पहुंच रहे थे. अब राजेंद्र रंधावा ने पवित्र गुलिया का नाम लिया है. इसकी गिरफ्तारी के बाद ही आगे की जानकारी दी जा सकती है. इससे यह भी पता चलेगा कि वे बिना पुलिसकर्मियों के कैसे प्रश्नपत्र ले गए.

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