हैदराबाद के मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (एमएएनयूयू) ने अगले शिक्षण सत्र से लगातार उठ रही मांग को ध्यान में रखते हुए इस्लामी वित्त में डिप्लोमा कोर्स की पेशकश करने की योजना बनाई है.
एक वर्षीय ग्रेजुएट डिप्लोमा का संचालन हैदराबाद स्थित केंद्रीय यूनिवर्सिर्टी के इस्लामी अध्ययन एवं प्रबंधन विभाग के द्वारा होगा.
स्किल ट्रेनिंग पर खर्च किए जाएंगे 1500 करोड़
एमएएनयूयू में स्कूल ऑफ कॉमर्स एंड बिजनेस मैनेजमेंट के डीन मोहम्मद अब्दुल अजीम ने आईएएनएस से कहा कि यह सभी स्नातकों के लिए खुला होगा और इसमें इस्लामी वित्त के विभिन्न पहलुओं से जुड़े 6 पत्र होंगे.
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) इंस्टीट्यूट लिमिटेड के साथ आपसी सहमति के तहत यह फैसला करीब है.
बीएसई इंस्टीट्यूट विभिन्न प्रकार के कोर्स कराती है, जिसमें से एक इस्लामी वित्त भी है. वही संस्थान यहां एमएएनयूयू के सहयोग से एक इंस्टीट्यूट स्थापित करना चाहता था.
अब्दुल अजीम हालांकि महसूस करते हैं कि अभी तक इंस्टीट्यूट स्थापित करना संभव नहीं है. उन्होंने कहा, इसके लिए हमारे पास बुनियादी ढांचा नहीं है. इसमें कुछ वक्त लगेगा.
बीएसई इंस्टीट्यूट का कई इंटरनेशनलयूनिवर्सिटी और संस्थानों के साथ गठजोड़ है और उसने एमएएनयूयू के लिए कोर्स तैयार करने की योजना बनाई है.
बीएसई इंस्टीट्यूट के एकेडमिक एवं प्रोडक्ट डेवलपमेंट के प्रमुख विनोद नायर ने आईएएनएस से कहा, "हम खास तौर से वित्त बाजार से संबंधित पाठ्यक्रम तैयार करेंगे. हम पाठ्यक्रम और सामग्री तैयार करेंगे.
पूरी तरह से बीएसई के स्वामित्व वाले संस्थान ने एमएएनयूयू को शिक्षक और विशेषज्ञ शिक्षक एवं प्रमाणन मुहैया कराने की पेशकश की है.
एमएएनयूयू के कुलाधिपति जफर सरेशवाला को विश्वास है कि बीएसई के साथ गठबंधन एमएएनयूयू के लिए बड़ी उपलब्धि है और छात्रों के मनोबल को बल देने में मदद करेगा. छात्र कमजोरी के भाव से गुजर रहे हैं.
इनपुट-IANS