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पूल पार्लर से लेकर एसटीडी बूथ में किया काम: कपिल शर्मा

वह पूल पार्लर में पार्ट-टाइम काम करते, कड़ाके की ठंड में एसटीडी बूथ पर बैठते और थोड़ा एक्सट्रा कमाने की जद्दोजहद में छोटे-मोटे म्यूजिक वीडियो शूट में भी हाथ आजमाने से नहीं चूकता था.

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Kapil Sharma
Kapil Sharma

अमृतसर में पंजाब पुलिस के हवलदार के. शर्मा की पत्नी जनक रानी किसी तरह अपने बच्चों—अशोक, टोनी और पूजा की परवरिश कर रही थीं. पुरानी फिल्मों के पात्रों की तरह सादा जीवन, उच्च विचार की कहावत पर अमल करने वाले इस परिवार में सब कुछ सही चल रहा था.

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लेकिन 1997 में जैसे ही शर्मा को पता चला कि उन्हें कैंसर है, मानो इस परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा. डॉक्टरों ने कह दिया कि यह रोग एडवांस स्टेज में है और वे ज्यादा दिन नहीं जी पाएंगे. इस निम्न मध्यवर्गीय परिवार के पास इतना पैसा नहीं था कि अपने मुखिया का बेहतर इलाज करा सके. इस महारोग के साथ सात साल तक संघर्ष ने परिवार को जैसे रंक बना दिया.

परिवार का नटखट और शरारती बेटा टोनी अपने पिता के साथ हमेशा साये की तरह रहता. 2004 में जब हवलदार शर्मा ने दिल्ली के एक अस्पताल में दम तोड़ा, तब भी टोनी उनके साथ था. “मुझे उनके पार्थिव शरीर के साथ दिल्ली से लेकर अमृतसर तक अकेले सफर तय करना पड़ा. उस पूरे सफर के दौरान मैं सिर्फ यही सोचता रहा कि मुझे अपने परिवार के लिए स्ट्रांग रहना है, ठीक वैसे ही, जैसे मेरे पिता ताउम्र रहे.”

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हमेशा संतुष्ट और खुश रहने वाले हवलदार शर्मा की मौत के साथ संघर्ष ने मानो टोनी को जीवन में संघर्ष की प्रेरणा दे दी. परिवार और मित्रों को अपनी असली ताकत मानने वाले टोनी ने पिता की जगह अपने भाई अशोक को पंजाब पुलिस में अनुकंपा के आधार पर नौकरी दिलवा दी और अपने लिए वह रास्ता चुन लिया जो उसे पसंद था, यानी उदास और दुखी मन वालों को हंसाना.

पढ़ाई में औसत दर्जे के टोनी को थिएटर और गायिकी का शौक था. दीवाली के दौरान अमृतसर के जगमगाते भीड़ भरे बाजारों में चलना उनका खास शौक था. वह पूल पार्लर में पार्ट-टाइम काम करते, कड़ाके की ठंड में एसटीडी बूथ पर बैठते और थोड़ा एक्सट्रा कमाने की जद्दोजहद में छोटे-मोटे म्यूजिक वीडियो शूट में भी हाथ आजमाने से नहीं चूकता था. टोनी को अपने पिता से सिर्फ हालात से लडऩे की ताकत ही नहीं बल्कि सीखने की लगन भी मिली.

वह अपने कॉलेज के दिनों में सीरियस थिएटर करता था और ड्रामा पढ़ाया करता था. आज उसी टोनी को दुनिया हंसी-मजाक के पर्याय कपिल शर्मा के नाम से जानती है. उन्होंने बतौर गायक शुरुआत की थी और पंजाबी गायकों के साथ कोरस में गाते थे. समय-समय पर वे अपनी गायिकी के जलवे कॉमेडी नाइट्स विद कपिल में भी दिखाते रहते हैं. लता मंगेशकर तक उनके गाने की तारीफ कर चुकी हैं.

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कपिल रोजमर्रा की जिंदगी की विडंबनाओं को ठहाका लगाने का विषय बना देते हैं. अपने सहज संवादों और स्वाभाविक अभिनय से दर्शकों को गुदगुदाने और अंततः उन्हें ठहाके लगाने के लिए मजबूर करने वाला यह शख्स कामयाब उद्यमी भी है. उनकी कंपनी के-9 ने टीवी के लिए एकदम नई तरह का शो चुना, जिसमें ऐक्टर से लेकर सेलिब्रिटी और जनता की भागीदारी सब कुछ शामिल है. खुद सेलिब्रिटी बनने के बावजूद उनकी स्वीकारोक्ति देखिएः “मैं भी आम लोगों जैसा ही हूं. मैंने इसे कभी छिपाने की कोशिश नहीं की है. अब आप खुद ही सोचिएः एक बंदा जो अमृतसरी छोले-कुलचे खाकर पला बढ़ा है, वह एकदम से सुशी (जापानी डिश) पर कैसे शिफ्ट हो सकता है?”

पिता की बीमारी और अवसाद देख चुके कपिल ने मानो दुनिया को खुश करने का बीड़ा उठा रखा है. इस साल अपनी मां को लंदन घुमाकर उनकी भी तमन्ना पूरी कर दी. कपिल ने अवसाद-उदासी दूर करने को ही अपना पेशा बना लिया है.

संघर्ष
पूल पार्लर से लेकर एसटीडी बूथ तक पर काम कर चुके हैं.
वे कॉमेडियन की बंधी-बंधाई छवि को तोडऩा अपनी सबसे बड़ी चुनौती मानते हैं.
भविष्य पर पैनी नजर अमृतसर में अपने संघर्ष के दिनों में

टर्निंग पॉइंट
2007 में द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज में जीत. उन्होंने 2011 में स्टार या रॉकस्टार में गायिकी की और दूसरे नंबर पर रहे. 2010-12 में कॉमेडी सर्कस में भी जलवे बिखेरे.

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उपलब्धियां
कॉमेडी नाइट्स विद कपिल शो टीआरपी का बादशाह है.
अब्बास-मस्तान की किस किसको प्यार करूं के हीरो हैं.

मेरा मंत्र
“जियो और जीने दो.”

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