आने वाले महीनों में IBM (International Business Machines Corporation) में नौकरी कर रहे हजारों भारतीय को अपनी जॉब से हाथ धोना पड़ सकता है.
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, कंपनी क्लाउड कंप्यूटिंग और मोबाइल जैसी टेक्नोलॉजी अपना रही है. इसे अपनी गिरती हुई कमाई और बढ़ते हुए मार्जिन प्रेशर की चुनौतियों पर काबू पाना है. इसलिए कंपनी आने वाले दिनों में हजारों लोगों की भारत में छंटनी कर सकती है.
गौरतलब है कि IBM में काम करने वाले 4 लाख से अधिक कर्मचारियों में करीब 1.3 लाख भारत के हैं. अगर IBM छंटनी करता है, तो इसका भारत पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा. IBM ठेके पर आईटी स्टाफ को हायर करने के लिए हर साल 15 करोड़ डॉलर से अधिक खर्च करता है. ठेके पर हायरिंग की अच्छी बात यह है कि इसमें शीघ्र कुशल तकनीकी संसाधन प्राप्त हो जाता है और इसमें कम खर्च आता है क्योंकि इसमें रिक्रूटमेंट या ट्रेनिंग पर खर्च नहीं करना पड़ता है.
पिछले कुछ दशकों में IBM ने भारत से भारी पैमाने पर हायरिंग की है. हालांकि इसने अमेरिका में इस मामले में कटौती की जहां 2005 के 1.33 लाख की तुलना में पिछले साल 83,000 हायरिंग की. हायरिंग में गिरावट और छंटनी की जो बात सामने आ रही है, उसका मुख्य कारण आईबीएम का विश्व स्तर पर कमाई में गिरावट है. लगातार 11वें क्वॉर्टर में कंपनी की कमाई में गिरावट आई है.