जल, मानव जीवन का अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है. 22 मार्च का दिन विश्व जल दिवस के रूप में जाना जाता है. 1993 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा 22 मार्च को हर साल 'विश्व जल दिवस' मनाने का निर्णय किया गया था. तभी से इस अवसर को मनाया जाने लगा.
इस दिवस को मनाने का मूल लक्ष्य ये था कि सब लोगों के बीच पानी की महत्वता एवं संरक्षण को लेकर जागरुकता फैलाना. लेकिन हम आज भी जल को लेकर इतने लापरवाह हैं कि भूल जाते हैं जल हमारे लिए महत्वपूर्ण संसाधन है. जल के बारे में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिसमें सामने आया है कि कैसे विश्व भर में और खास तौर पर भारत में जल को बर्बाद किया जा रहा है.
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जानते है उन तथ्यों के बारे में...
1. आंकड़े बताते हैं कि विश्व के 1.5 अरब लोगों को पीने का शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है.
2. मुंबई में रोज वाहन धोने में ही 50 लाख लीटर पानी खर्च हो जाता है.
3. दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे बड़े शहरों में पाइप लाइनों के वॉल्व की खराबी के वजह से रोज 17 से 44 % पानी बेकार बह जाता है.
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4. बाथ टब में नहाते समय 300 से 500 लीटर पानी खर्च होता है, जबकि सामान्य रूप से नहाने में 100 से 150 पानी लीटर खर्च होता है.
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5. पृथ्वी पर एक अरब 40 घन किलो लीटर पानी है. 97.5% पानी समुद्र में है, जो खारा है. बाकी 1.5 % पानी बर्फ के रूप में ध्रुव प्रदेशों में है. इसमें से बचा 1% पानी नदी, सरोवर, कुओं, झरनों और झीलों में है, जो पीने के लायक है. इस 1% पानी का 60वां हिस्सा खेती और उद्योग कारखानों में खपत होता है, बाकी का 40 वां हिस्सा पीने, भोजन बनाने, नहाने, कपड़े धोने एवं साफ-सफाई में खर्च करते हैं.
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6. विश्व में प्रति 10 व्यक्तियों में से 2 व्यक्तियों को पीने का शुद्ध पानी नहीं मिल पाता है.