जब पिछले साल मुंबई के इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, कैटरिंग टेक्नोलॉजी ऐंड एप्लाइड न्यूट्रिशन (आइएचएम), जिसे आम तौर पर दादरा कैटरिंग कॉलेज के नाम से जाना जाता है.
फीफा वर्ल्ड कप थीम डिनर में अपने छात्रों के फ्रांस, ब्राजील, जर्मनी, इटली और स्पेन के विविध व्यंजनों का स्वाद लेने के लिए अपने दरवाजे आम जनता के लिए खोल दिए थे. इसने छात्रों और हॉस्पिटैलिटी, राजस्व, मानव संसाधन और पर्यटन क्षेत्र के विशेषज्ञों के लिए एलायंस फ्रांसिस डि बॉक्वबे के साथ मिलकर फूड और ड्रिंक वर्कशॉप का आयोजन किया और उन विशेषज्ञों के अनुभवों का लाभ उठाया . इंस्टीट्यूट के प्रिंसिपल अरुण कुमार सिंह कहते हैं, “छात्रों को यह जानने की जरूरत है कि इंडस्ट्री की अपेक्षाएं क्या हैं.” इस तरह की गतिविधियां, जो छात्रों को इंडस्ट्री के प्रतिष्ठित प्रोफेशनल लोगों से मिलने का अवसर देती हैं और उन्हें अपनी कक्षा से बाहर वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करती हैं, आइएचएम मुंबई को एक अलग पहचान देती हैं और यही वजह है कि आज इंडिया टुडे ग्रुप-नीलसन के सर्वेक्षण में यह इस्टीट्यूट होटल मैनेजमेंट के बेहतरीन कॉलेजों की सूची में सबसे ऊंचे पायदान पर खड़ा है.
इसका बेसिक कोर्स, हॉस्पिटैलिटी ऐंड होटल एडमिनिस्ट्रेशन में बीएससी लगातार सबसे लोकप्रिय कोर्स बना हुआ है. हर साल 400 से ज्यादा छात्रों को इस कोर्स मंल दाखिला दिया जाता है. तीन वर्षों के दौरान इसके व्यापक पाठ्यक्रम में फ्रंट ऑफिस, फूड ऐंड बिवरेज सर्विस, हाउसकीपिंग ऐंड फूड प्रोडक्शन जैसे मुख्य विषयों को शामिल किया गया है. फूड प्रोडक्शन में कुकरी और बेकरी शामिल है. इन सब विषयों के साथ-साथ दूसरे महत्वपूर्ण विषयों जैसे न्यूट्रिशन, फूड साइंस, कम्युनिकेशन, मानव संसाधन और फाइनेंशियल मैनेजमेंट को भी पढ़ाया जाता है.
इस तरह यहां छात्रों को ऐसी शिक्षा दी जाती है जो सभी पहलुओं पर गौर करती है. रेस्तरां की योजना बनाने और बिस्तर तैयार करने से लेकर कॉकटेल तैयार करने और व्यंजन परोसने तक सब कुछ इसमें शामिल है. अरुण सिंह बताते हैं कि संस्थान छात्रों को होटल से संबंधित हर प्रकार की ट्रेनिंग देता है. वे कहते हैं, “पहले साल में हमारे पाठ्यक्रम में स्किल पर विशेष जोर दिया जाता है और तीसरा साल आते-आते मैनेजमेंट से जुड़ा पक्ष बढ़ जाता है.”
तीन किचेन, तीन बेकरी, दो ट्रेनिंग रेस्तरां, एक एप्लाइड ट्रेनिंग सेंटर और 150 लड़कों व 80 लड़कियों वाले एक होस्टल के साथ इस इंस्टीट्यूट को छात्रों की देखभाल और सुविधाओं के मामले में भी पहले नंबर पर आंका गया है. हॉस्पिटैलिटी और पर्यटन इंडस्ट्री बहुत बढ़ चुकी है. होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई कराने वाले इंस्टीट्यट की संख्या बढ़ चुकी है, पर आइएचएम मुंबई लगातार अपनी प्रतिष्ठा कायम रखने में सफल रहा है. यह इस वजह से संभव हो सका है कि यहां से पढ़कर निकले पूर्व छात्रों ने पिछले छह दशकों के सफर में एक मजबूत जगह बनाई है.