ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग और डिलिवरी सेवा कंपनी स्विगी ने दक्षिण अफ्रीकी इंटरनेट दिग्गज नैस्पर्स और रूसी अरबपति यूरी मिल्नर की अगुआई वाली निवेश फर्म डीएसटी ग्लोबल आदि से 21 करोड़ डॉलर (14.28 अरब रुपये) जुटाए हैं. इसके इस तरह से अब तक कंपनी की तरफ से जुटाई गई रकम 50 करोड़ डॉलर के आसपास पहुंच गई है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इससे कंपनी की कीमत 89 अरब तक पहुंच जाएगी. हालांकि अभी यह कहा जा रहा है कि कंपनी ने इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं दी है.
कैसे शुरू हुई थी कंपनी
इस कंपनी की शुरू होने के पीछे तीन शख्स हैं, जिनका नाम राहुल जैमिनी, श्रीहर्ष और नंदन रेड्डी. बता दें कि राहुल ने आईआईटी खड़गपुर से पढ़ाई की है, श्रीहर्ष ने आईआईटी कलकत्ता और बिट्स पिलानी और नंदन रेड्डी ने बिट्स से पढ़ाई की है. उन्होंने इस फर्म को शुरू किया और आज कंपनी की वैल्यू अरबों में पहुंच चुकी है.
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5 डिलिवरी बॉय से हुई थी शुरुआत
बता दें कि स्विगी ने 2014 में अपने ऑपरेशन्स की शुरूआत की थी. योर स्टोरी के अनुसार स्विगी के सीईओ और को-फाउंडर श्रीहर्ष मजेटी ने एक वादे के साथ अपनी कंपनी की शुरूआत की थी कि उनकी कंपनी आने वाले समय में भारत में खाने के प्रचलन को ही बदल देगी. वहीं उन्होंने ये भी बताया कि 'हमने 5 राइडर्स के साथ शुरूआत की थी और अब हमारे साथ 20 हज़ार राइडर्स जुड़े हुए हैं.'
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बता दें कि बड़े रेस्टोरेंट और रेस्टोरेंट चेन्स के साथ-साथ स्विगी छोटे फूड जॉइंट्स के साथ भी काम करता है. इससे कई छोटे-बड़े वेंडर जुड़े हुए हैं. फिलहाल स्विगी हर ऑर्डर पर 30 प्रतिशत का शेयर कमाता है. स्विगी को रेस्तरां से कमीशन मिलता है और वह उपभोक्ताओं से डिलिवरी फीस चार्ज करता है.