अगर आप लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र हैं और आस-पास किसी नए स्टार्ट अप (start-up) का सपना संजोए हैं तो इस क्षेत्र के जाने-माने विशेषज्ञ आपकी मदद कर सकते हैं. आपका ये सपना लखनऊ विश्वविद्यालय और IIM इंदौर के साझा प्रयास से शुरू इनक्यूबेशन सेंटर (incubation centre) में आकार ले सकता है.
स्टार्टअप के जरिए आत्मनिर्भरता और युवाओं की सोच को नई उड़ान देने और छात्रों में प्रबंध कौशल विकसित करने के लिए अब लखनऊ में इन दो संस्थानों ने साथ आने का फ़ैसला किया है. लखनऊ यूनिवर्सिटी और भारतीय प्रबंधन संस्थान, इंदौर की साझा पहल के तहत अब लखनऊ विश्वविद्यालय में जल्द ही शुरू होने वाले इनक्यूबेशन सेंटर (incubation centre) में उद्यम शुरू करने वाले छात्रों की mentorship देश का शीर्ष मैनेजमेंट इन्स्टीट्यूट (management institute) करेगा. इस प्रयास से विश्वविद्यालय से जुड़े छात्रों को अपने अभिनव सोच और अपने उद्यम को शुरू करने के लिए जरूरी सहायता मिलेगी.
दो संस्थानों ने उठाया बड़ा कदम
4 मई का दिन दो शिक्षण संस्थानों के लिए खास रहा. लखनऊ विश्वविद्यालय (lucknow univetsity) ने एक नए प्रयोग की दिशा में कदम बढ़ाया. IIM इंदौर के साथ लखनऊ विश्वविद्यालय ने एक समझौता पत्र (MoU ) पर हस्ताक्षर किए जिसके तहत दोनों संस्थान छात्रों की उद्यमिता और प्रबंध कौशल का विकास करने की दिशा में मिल कर काम करेंगे. 3 साल के लिए हुए इस MoU में छात्रों के विकास से जुड़ी कई बातें हैं पर इसकी सबसे ख़ास बात लखनऊ विश्वविद्यालय में इंक्युबेशन सेंटर के लिए IIM इंदौर जैसे चोटी के प्रबंध संस्थान से मदद मिलना है.
इस समझौते के तहत लखनऊ विश्वविद्यालय में बनने वाले इनक्यूबेशन सेंटर में अपना स्टार्ट अप शुरू करने वाले युवाओं का मार्गदर्शन भारतीय प्रबंध संस्थान, इंदौर के एक्सपर्ट करेंगे. इससे छात्रों को नए स्टार्टअप की कई शुरुआती समस्याओं को सुलझाने में मदद मिलेगी. IIM इंदौर के निदेशक प्रोफ़ेसर हिमांशु राय कहते हैं कि ‘छात्रों को भले ही स्टार्ट अप लखनऊ में करना हो पर इसकी मेंटरशिप इंदौर में IIM से जुड़े विशेषज्ञ करेंगे, एक्सपर्ट छात्रों की सहायता करेंगे. इस बात में IIM इंदौर अग्रणी इसलिए भी है क्योंकि यहां अलग से एक कम्पनी IIM Indore incubation foundation भी है.
LU और IIM इंदौर के बीच MoU
इस MoU के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय के फ़ैकल्टी और स्टाफ़ डेवलपमेंट प्रोग्राम में भी दोनों संस्थान साथ काम करेंगे. शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म सर्टिफ़िकेट कोर्स (certificate course) भी तैयार किए जाएंगे. रिसर्च के साझा कार्यक्रमों में भी दोनों साथ काम करेंगे. इसकी एक सबसे ख़ास बात ये है कि लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों को आईआईएम इंदौर में इंटर्नशिप करने का भी मौका मिलेगा. हालांकि इसके लिए अलग से मानक भी तय लिए जाएंगे. विश्वविद्यालय और उससे जुड़े कॉलेजों के शिक्षकों के लिए फ़ैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (faculty development program) भी तैयार किए जाएंगे. प्रोफेसर हिमांशु राय कहते हैं कि IIM की विशेषज्ञता का लाभ IIM के छात्रों और शिक्षकों को तो मिलता ही है, अब IIM के बाहर भी इसके विस्तार की बारी है. उसके लिए ये समझौता अहम है.
कई प्रोजेक्ट्स पर साथ होगा काम
IIM इंदौर और लखनऊ विश्वविद्यालय अब कंसलटेंसी और रिसर्च प्रॉजेक्ट्स (consultancy and research projects) पर भी साथ काम करेगा. इस समय IIM इंदौर यूपी के कई शहरों में रिसर्च और कंसलटेंसी का काम कर रहा है जिसमें कानपुर जैसे शहर को व्यवस्थित करना और अयोध्या को स्वच्छता मानकों के हिसाब से तैयार करना भी है. लखनऊ विश्वविद्यालय के VC प्रो आलोक कुमार राय कहते हैं यहां अपने क्षेत्र की अग्रणी राज्य विश्वविद्यालय (state university) और अग्रणी प्रबंध संस्थान(management institute) एक साथ आए हैं. इससे हमारे छात्रों और शिक्षकों को मौक़ा मिलेगा. विश्वविद्यालय के छात्रों में प्रबंध कौशल और उद्यम की सोच का विकास होगा.
LU में पढ़ते हैं 20 हजार छात्र
प्रोफ़ेसर आलोक कुमार राय ये भी मानते हैं कि लखनऊ विश्वविद्यालय में इतने विभाग हैं उसमें शिक्षकों की अलग-अलग विशेषज्ञता है ऐसे में इस तरह के साझा प्रयास से लाभ होगा. लखनऊ विश्वविद्यालय में 20 हज़ार छात्र पढ़ते हैं. IIM इंदौर आगे यूपी के अन्य विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के लिए भी फ़ैकल्टी और स्टाफ़ डेवलपमेंट के लिए प्रोग्राम तैयार करेगा.