देश के दो आईआईएम में जिस तरह शुरुआती रुझान में लड़कियों का नामांकन ज्यादा है, इससे लग रहा है कि इस साल देश के आईआईएम कैंपस में लिंग अनुपात में सुधार आने वाला है. आईआईएम-कोझिकोड का दावा है कि इस साल का पीजीपी -24 बैच हाल के वर्षों में संस्थान के सबसे विविध बैचों में से एक है, यहां दाखिला लेकर कुल 52 प्रतिशत लड़कियां आ रही हैं.
कोरोना पर फुल कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
आईआईएम-के के लिए 2022 का बैच सांस्कृतिक रूप से भी विविध होगा क्योंकि यहां पूरे भारत की झलक मिलेगी. इस साल बैच में उत्तरी भारत (35 प्रतिशत), दक्षिणी भारत (28.4 प्रतिशत), पश्चिमी भारत (14.8 प्रतिशत) पूर्वी भारत (13.41 प्रतिशत), मध्य भारत (5.69 प्रतिशत) और पूर्वोत्तर भारत (2.03 प्रतिशत) के छात्र होंगे. संस्थान का दावा है कि PGP-24 बैच का 40 प्रतिशत गैर-इंजीनियरिंग विषयों से है, जिसमें वास्तुकला, कला और विज्ञान, वाणिज्य, प्रबंधन और चिकित्सा शामिल हैं.
देश-दुनिया के किस हिस्से में कितना है कोरोना का कहर? यहां क्लिक कर देखें
वहीं आईआईएम-रोहतक ने भी अपने पीजीपी बैच में 69 फीसदी गर्ल्स स्टूडेंट का नामांकन किया है. यह आईआईएम में अब तक की महिलाओं की सबसे अधिक संख्या है. बता दें कि आईआईएम-रोहतक में 2017 में जहां केवल 9 प्रतिशत लड़कियां थीं, इस बार ये आंकड़ा 69 प्रतिशत पहुंच गया है, जो कि जेंडर अनुपात में बड़ा सुधार है.
बता दें कि इस साल दोनों आईआईएम अपनी कक्षाएं ऑनलाइन आयोजित करेंगे. IIM-K के लिए 2019-2021 का नामांकित बैच अपने तीसरे सेमेस्टर की कक्षाओं और परीक्षाओं को ऑनलाइन करने की तैयारी है. जबकि 2020 बैच 10 अगस्त तक ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर देगा. 12 अगस्त से 2020-22 बैच के लिए पहली कक्षा लगेगी.
कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...
Indianexpress.com के साथ बातचीत में IIM-Rohtak के निदेशक ने बताया कि फीमेल रजिस्ट्रेशन बढ़ने के पीछे एक कारण यह भी हो सकता है कि संस्थान ने महामारी के बावजूद ऑनलाइन मोड के माध्यम से अपनी कक्षाओं को समय पर शुरू किया. इससे हम उन महिला आवेदकों तक पहुंच गए, जो आईआईएम में प्रवेश के लिए पात्र थीं. ऐसे उम्मीदवारों की संख्या लगभग 12,000 थी. निदेशक ने बताया कि इसके अतिरिक्त हमने शुल्क भुगतान के लिए ऋण की सुविधा के लिए पांच बैंकों के साथ समझौता किया है.