ऐसे में जबकि सरकार आईआईएम के लिए नई कसौटियां तय करने में जुटी हुई है, इस प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूल के 400 से भी ज्यादा स्टूडेंट्स ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से देश में एमबीए डिग्री देने के मानदंडों में बदलाव का अनुरोध किया है. इसमें आईआईएम के पूर्व छात्र भी शामिल हैं.
यह सुनिश्चित करने के लिए कि आईआईएम के छात्रों को दी गई डिग्री वैश्विक मानदंडों के अनुरूप हो, उन्होंने कहा है कि एमबीए डिग्री एक वर्ष के कार्यक्रम के लिए दी जानी चाहिए जबकि एमबीएम के लिए दो साल का सिलेबस होना चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी को ‘वनईयरएमबीए डॉट को डॉट इन’ के माध्यम से यह आवेदन सौंपा गया है. इसे भेजने वालों में वालों में अहमदाबाद, बेंगलुरु, कोलकता, इंदौर और लखनऊ आईआईएम के पूर्व छात्रों और छात्रों के अलावा अन्य लोग भी शामिल हैं.
वेबसाइट के संस्थापक शिखर मोहन ने कहा कि फिलहाल यह आवेदन मोदी सरकार के mygov.in के माध्यम से भेजा गया है. आईआईएम से संबंधित विधेयक को जनता की सलाह लेने की प्रक्रिया के तहत इसी मंच पर रखा गया है. उन्होंने कहा, 'इसके अलावा इस आवेदन की प्रतियां प्रधानमंत्री और मानव संसाधान विकास मंत्री को भेजी जा रही हैं.'
इनपुट: भाषा