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मिट्टी का घर, मां करती है मजदूरी, IIT-JEE में सलेक्ट हुए भैरुलाल की story रुला देगी आपको

कोचिंग में पढ़ाई करना और फिर आईआईटी-जी में सलेक्ट होना राजस्थान के भैरुलाल के लिए इतना आसान नहीं था. मिट्टी के घर में रहने वाले भैरुलाल के माता-पिता ने कैसे कराई IIT-JEE की तैयारी यह देख आपकी आंखे नम हो जाएंगी. पढ़े, पूरी कहानी...

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भैरुलाल और उनके माता-पिता (PHOTO- SOURCE)
भैरुलाल और उनके माता-पिता (PHOTO- SOURCE)

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IIT-JEE रिजल्ट आने के बाद राजस्थान के भिलवारा जिले में रहने वाला एक गरीब जाट परिवार भी खुशियां मना रहा है. क्योंकि उनके बेटे भैरुलाल का IIT-JEE में सलेक्शन हो गया है. परिवार के लिए बेटे का IIT-JEE में सलेक्शन होना बड़ी बात है. क्योंकि परिवार के आर्थ‍िक हालात कुछ ऐसे हैं, जिसमें बच्चे को अच्छी स्कूलिंग करना और अच्छे कॉलेज में पढ़ाना नामुमकिन सा लगता है.

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भैरुलाल ने ओबीसी कैटगरी में All India Rank (AIR) 1,143 हासिल किया है. भैरुलाल के माता-पिता पढ़े लिखे नहीं हैं. वो कभी स्कूल गए ही नहीं. पिता गोपाल लाल जाट 5 बिघा जमीन पर खेती करते हैं और मां सीमा देवी नरेगा के तहत मजदूरी कर घर चलाती हैं.

भैरुलाल के माता-पिता के लिए आईआईटी-जी की तैयारी के पैसे जुगाड़ना मुश्क‍िल था. यहां तक कि भैरुलाल के लिए पढ़ाई करना और प्राइमरी स्कूल से आईआईटी तक का सफर तय करना आसान नहीं था. लेकिन 10वीं में जब भैरुलाल ने 88% अंक हासिल किया, तो गांव के एक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट ने उन्हें कोटा के कोचिंग सेंटर से IIT-JEE की तैयारी करने की सलाह दी. मिट्टी के घर में रहने वाले भैरुलाल के लिए यह असंभव सा दिखा. क्योंकि दिहाड़ी पर काम करने वाले उसके माता-पिता मुश्क‍िल से ही जीविका चला पा रहे थे, ऐसे में कोचिंग का खर्च कैसे मैनेज होगा, यह सोच कर भैरुलाल को आईआईटी के लिए कोचिंग में एडमिशन लेना असंभव लगने लगा.

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लेकिन कहते हैं जहां चाह है, वहीं राह भी है. कोटा के Allen Career Institute ने भैरुलाल को फीस में 50 फीसदी की छूट दी और IIT-JEE की तैयारी करवाने लगा.

Allen Career Institute के निदेशक नवीन माहेश्वरी ने कहा कि हमारा इस्टीट्यूट हमेशा भैरुलाल जैसे बच्चों की मदद करता है, जो दिखावे की जगह quality education को महत्व देते हों.

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भैरुलाल अब IITs से मेकेनिकल या कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग करना चाहते हैं. लेकिन उनका लक्ष्य बस यहीं खत्म नहीं होता. भैरुलाल IITs से कोर्स पूरा करने के बाद UPSC परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं और अपने गांव के बच्चों के लिए शिक्षा व्यवस्था को सुधारना चाहते हैं. उनका कहना है कि वो अपने लक्ष्य को हासिल जरूर कर लेंगे.

हालांकि पिछले दो साल में भैरुलाल के माता-पिता के आर्थ‍िक हालात में थोड़ा सुधार हुआ है और उन्होंने पक्के का मकान भी बनवा लिया है.

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