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IIT पास ये दो छात्र छत पर सब्जियां उगाकर कर रहे हैं मोटी कमाई

कमाल का आइडिया.. छत पर ऐसे खेती कर रहे हैं ये दो युवक...

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 Kaustubh Khare co-founder of Khetify (photo- facebook)
Kaustubh Khare co-founder of Khetify (photo- facebook)

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बिजनेस शुरू करने के लिए पैसों की जरूरत होती है. ये सच है, लेकिन बिजनेस में सफलता चाहते हैं तो आपको पैसों के साथ एक  बेहतरीन आइडिया की भी जरूरत है. आज हम ऐसे दो लोगों के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने एक कमाल के आइडिया से अपना बिजनेस खोल दिया.

आईआईटी खड़गपुर ग्रेजुएट कौस्तुभ खरे और साहिल पारिख ने 19 हजार में अपनी एक कंपनी खोली जिसका नाम रखा 'खेतीफाई'. जहां लोगों को लगता है कि खेती सिर्फ बड़े-बड़े खेत में ही हो सकती है वहीं दोनों दो सौ वर्ग मीटर की छत पर सात-आठ सौ किलो सब्जियों की खेती कर रहे हैं. हमें मालूम है आपको ये जानकर हैरानी हो रही हो रही होगी आखिरकार कैसे कोई घर की छत पर खेती कर सकता है लेकिन कौस्तुभ खरे और साहिल पारिख ने कर दिखाया...

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इस टेक्निक का करते हैं इस्तेमाल...

ये दोनों जानते थे कि छत पर मिट्टी और पानी का अधिक इस्तेमाल नहीं कर सकते. जिसके बाद इन दोनों से ऐसा मॉडल तैयार किया जिसमें मिट्टी और पानी का इस्तेमाल इतनी नहीं हो सकता. सबसे पहले छत पर खेती करने के लिए ऐसी क्यारी बनाई गई जो वॉटर प्रूफ होती है. वहीं इस तरह की क्यारी बनाने से पानी छत नहीं टपकता.

वहीं इन क्यारियों में फ्रेश और स्वादिष्ट सब्जियां जैसे-  भिंडी, टमाटर, बैंगन, मेथी, पालक, चौलाई, पोई साग और मिर्च की खेती कर सकते हैं. वहीं फसल की तेजी से गुणवत्ता के लिए इसमें मिट्टी की बजाए नारियल का खोल यानी सूखा छिवका मिला जाता है. छत पर किसी भी तरह का बोझ न पड़े इसलिए मिट्टी का कम ही इस्तेमाल किया जाता है. इसी के साथ कुछ आवश्यक तत्व मिलाए जाते हैं जिसकी मदद से फसल तेजी से बढ़ती है. आपको बता दें, कौस्तुभ खरे और साहिल पारिख को इस बिजनेस में काफी फायदा हो रहा है और मोटी कमाई भी करते हैं.

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करते हैं इस खास तकनीक का इस्तेमाल

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आपको बता दें, छत पर खेती उगाने के लिए के लिए हाइड्रोपोनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. फसल उगाने की इस तकनीक में मिट्टी की जगह पानी ले लेता है. इसके अलावा इसमें पानी का भी उतना ही इस्तेमाल किया जाता है, जितनी फसल को जरूरत हो. पानी की सही मात्रा और सूरज के प्रकाश से पौधे अपना विकास करते हैं. इसमें अलग-अलग चैनल बना कर पोषक तत्वों युक्त पानी पौधों तक पहुंचाया जाता है. इससे पौधों के लिए जरूरी पोषक तत्वों को पानी के सहारे सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है.

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