बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी का हिस्सा आईआईटी अब यूनिवर्सिटी से अलग होने जा रहा है. जून के बाद यूनिवर्सिटी का नियंत्रण आईआईटी से खत्म हो जाएगा. मानव संसाधन मंत्रालय ने इससे जुड़ी सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं.
इससे पहले भी आईआईटी को बीएचयू से अलग करने की कोशिश की गई थी. केंद्र सरकार ने आईटी बीएचयू को आईआईटी बनाने के लिए 2012 में इंडस्ट्री ऑफ टेक्नोलॉजी एमेंडमेंट बिल पारित कराया था, जिसको लेकर काफी विरोध भी हुआ. जिसके बाद इस प्रावधान में यह जोड़ा गया था कि तीन साल तक आईआईटी बीएचयू के चेयरमैन बीएचयू के कुलपति होंगे.
2015 जून में यह समय सीमा खत्म हो रही है. जून के बाद नए चेयरमैन की नियुक्ति की जाएगी. जिसके बाद कई नए फैसले लिए जा सकते हैं.