साल 2020 तक IIT अपने यहां एक लाख स्टूडेंट्स को दाखिला देने की तैयारी में है. इसके लिए IIT प्रवासी स्टूडेंट्स को भी दाखिला देने का फैसला किया है. इससे अंडरग्रेजुएट कोर्सेस में 4000 सीटें और पोस्टग्रेजुएट और पीएचडी में 6000 सीटें बढ़ने की संभावना है.
इसके बाबत IIT काउंसिल की एक बैठक मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की अध्यक्षता में हुई. इसमें फैसला लिया गया कि प्रवासी स्टूडेंट्स को भी एडमिशन दिया जाएगा.
आखिर क्या है नया प्लान?
फिलवक्त आईआईटी में स्टूडेंट्स की संख्या 72,000 है लेकिन संस्थान इस संख्या को बढ़ा कर एक लाख करने के मूड में है. अब ऐसी प्लानिंग है कि ऐसे स्टूडेंट जो हॉस्टल में नहीं रहेंगे उन्हें भी दाखिला दिया जाए.
वे हर साल 10,000 और स्टूडेंट्स को दाखिला देने की प्लानिंग कर रहे हैं. इससे वे 2020 तक एक लाख स्टूडेंट्स का आंकड़ा छू सकेंगे. इस बाबत वे अलग-अलग कोर्सेस में स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ाएंगे.
प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप की शुरुआत...
आईआईटी काउंसिल ने इस बीच प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप शुरुआत करने के लिए अप्रूवल भेजा है. ऐसी सूचना मानव संसाधन मंत्री ने दी. इस फेलोशिप के तहत बीटेक पास स्टूडेंट तत्काल प्रभाव से डॉक्टरेट में दाखिला ले सकेंगे. काउंसिल ने एक इंट्रोडक्शन कोर्स शुरू करने की प्लानिंग की है ताकि कड़ी परीक्षा पास करने वाले स्टूडेंट्स खुद को संस्थान की कार्यशैली के हिसाब से एडजस्ट कर सकें.
इसके अलावा काउंसिल ने 'विश्वजीत' नाम से एक स्कीम भी जारी की है ताकि वे वैश्विक स्तर पर आईआईटी के बढ़िया प्रदर्शन और उसके वैश्विक रैंकिंग में बने रहने में मदद कर सकें.